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Deoband News: देवबंद में 100 मदरसों के पास नहीं है कोई मान्यता, चंदे पर हो रहा संचालन

• LAST UPDATED : May 22, 2023

India News (इंडिया न्यूज), Deoband News: प्रशासन द्वारा की गई जांच में देवबंद में 160 मदरसों में से 100 मदरसों के पास मान्यता नहीं है। ज्यादातर मदरसे चंदे पर चल रहे हैं, लेकिन बाहर से मिलने वाली फंडिंग का नहीं है कोई लेखा-जोखा स्थानीय प्रशासन के पास नहीं है। शहरी व नगरीय मदरसों को विदेशों से भी फंडिग होती है। ऐसा सुनने में आया है। सूत्रों की माने तो कई मदरसा संचालक चंद दिनों में ही करोड़पति बन गए।

देवबंद दारुल उलूम मदरसा भी चलता है चंदे पर

देवबंद के कई हवाला कारोबारी खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं, मदरसों को मिलने वाली फंडिंग का सरकार के पास भी अधिकारिक रिकॉर्ड कोई नहीं है। देश के महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, हैदराबाद, कर्नाटका और केरल समेत कई राज्यों से देवबंद के मदरसों को होती है फंडिंग। देवबंद दारुल उलूम के अंतर्गत ही चल रहे हैं देश और विदेश में पांच से अधिक मदरसे। सभी मदरसे चंदे पर ही चलते हैं, सरकार प्रशासन से नहीं ली जाती कोई मदद‌। देवबंद के प्रशासनिक अधिकारियों व मदरसों से जुड़े संचालकों ने कैमरे के सामने आने से मना किया।

सरकार के किसी दावे में कोई दम नहीं

गौरतलब हो कि विगत वर्ष 4 अक्टूबर को देवबंद में हुए मदरसा संचालकों के सम्मेलन में मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे का मदरसा संचालक विरोध नहीं करते। लेकिन मदरसों के निजी मामलों में सरकार को हस्तक्षेप ना करें। वहीं मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि देश में ज्यादातर मदरसे खुद के चंदे से चलते हैं ना कि शासन से कोई मदद लेते हैं। सरकार के किसी दावे में कोई दम नहीं है। वहीं शासन द्वारा मदरसों को मिलने वाली फंडिंग की जांच की बात सामने आने के बाद एक बार फिर से मदरस की जांच का जिन बोतल से बाहर निकल आया है।

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