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Exclusive Interview: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री बोले- ‘मुझे जान का खतरा’; श्रद्धा मर्डर केस पर कही बड़ी बात

• LAST UPDATED : December 12, 2022

Exclusive Interview

इंडिया न्यूज, बुलंदशहर (Uttar Pradesh)। देश दुनिया में बागेश्वर धाम के रुप में पहचान रखने वाले 26 साल के कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में हैं। उन्होंने इंडिया न्यूज यूपी/यूके के संवाददाता से एक्सक्लूसिव बातचीत की। धीरेंद्र ने दावा किया कि उनकी जान को खतरा है। उनके बागेश्वर धाम को भी बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने मोदी सरकार के लिए भी बड़ी बात कही है।

मेरे खिलाफ चल रही साजिश
दरअसल, बुलंदशहर के छतारी में रामकथा चल रही है। रामकथा सुनाने के लिए बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री आए हुए हैं। उन्होंने इंडिया न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए बताया, ”मेरे खिलाफ बड़े पैमाने पर षड्यंत्र चल रहा है और मेरी जान माल को खतरा है मेरे बागेश्वर धाम को भी बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।”

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह सब कुछ अरब देशों के इशारे पर हो रहा है। हालांकि उन्होंने एक सवाल में कहा कि मुझे दूसरे देशों से नहीं, बल्कि अपने देश के ही सनातन धर्म के खिलाफ जयचंद और से ही खतरा है। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। सिक्योरिटी के सवाल पर बाबा ने कहा कि यह सरकार का विषय है सरकार को सोचना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि जिंदगी में आगे बढ़ना है प्रसन्न रहना है तो अध्यात्मिक होना बहुत जरूरी है।

हिंदू बेटियों को शेरनी बनना पड़ेगा
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिल्ली की श्रद्धा-आफताब केस पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जो बहिन हैं, यह कहती हैं कि हमारा वाला ऐसा नहीं हो सकता। तो एक दिन उनका हाल भी श्रद्धा जैसा ही होगा। भारत की बेटी को समझना पड़ेगा और उन्हें हिंदू शेरनी बनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो लोग लव जिहाद या विशेष समुदाय के लड़के से किए गए प्यार को सही बताते हैं उनके हिंदू होने पर भी शक होता है।

उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष न सही है और ना गलत है। दोनों परिस्थितियों के अनुसार है। दुनिया में धर्म तो सिर्फ एक ही है। सनातन वैदिक धर्म बाकी तो सब पंथ और मजहब हैं।

कभी सत्यनारायण की कथा सुनाते थे धीरेंद्र
छतरपुर जिले के गढ़ा गांव निवासी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 में हुआ। पिता रामकृपाल गर्ग और मां सरोज गर्ग की 3 संतानों में धीरेंद्र सबसे बड़े हैं। उनसे छोटा एक भाई और एक बहन है। बहन की शादी हो चुकी है। बहन की शादी का रोचक किस्सा वह अपनी कथा में भी सुनाते रहते हैं। खुद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मुताबिक तब उनकी आर्थिक हालत खराब थी। बहन की शादी के लिए अपने मुस्लिम मित्र शेख मुबारक से 20 हजार रुपए उधार लेकर उन्होंने बारातियों की मेजबानी की थी। उनके पिता रामकृपाल गर्ग गांव में सत्यनारायण की कथा सुनाते थे।

12वीं तक पढ़े धीरेंद्र कृष्ण भी पिता की तरह भगवान सत्यनारायण की कथा सुनाने लगे। धीरेंद्र अपनी एक कथा में अपनी गरीबी का हाल सुनाते हैं कि एक समय वृंदावन जाने के लिए उन्होंने पिता से हजार रुपए मांगे थे, जो पिताजी नहीं जुटा पाए थे। कभी वृंदावन नहीं जा पाने वाला संत आज विदेशों में कथा कर रहा है। 14 जून 2022 को उन्हें लंदन की संसद में 3 अवॉर्ड संत शिरोमणि, वर्ल्ड बुक ऑफ लंदन और वर्ल्ड बुक ऑफ यूरोप से सम्मानित किया गया।

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