India News (इंडिया न्यूज) Rinki Upadhyay, Agra : नहरों की साफ-सफाई हमेशा से विवादों में रही है। अब इससे जुड़ा नया मामला सामने आया है। किरावली के गांव मसेल्या के किसानों ने चंदा करके चैंकोरा माइनर की साफ-सफाई कराई है। आरोप है कि धान की खेती पानी के अभाव में सूख रही थी। नहर में बड़ी-बड़ी झाड़ियां थीं। उसमें पानी निकलना मुश्किल था।
इंडिया न्यूज संवाददाता रिंकी उपाध्याय की रिपोर्ट के मुताबिक, धान बुआई करने वाले किसानों ने आपस में दस हजार रुपये का चंदा किया। किरावली से किराए पर जेसीबी मंगवाई और खुद नहर की सफाई में जुट गए। अब वे पानी की प्रतीक्षा में हैं। ग्रामीणों ने बताया कि फतेहपुर सीकरी शाखा से जाजऊ राजवाहा निकला है। इसमें से चैंकोरा माइनर निकली है, जो करीब 4.5 किलोमीटर की है।
इस माइनर से सलेमाबाद, जिंदपुरा, मसेल्या, घड़ी और चैंकोरा की 8 से 10 हजार बीघा पर लगीं फसलों की सिंचाई होती है। खरीफ में बड़ी संख्या में किसान यहां धान की खेती करते हैं। ऐसे में किसानों को पानी की जरूरत है। धान की रुपाई हो गई थी, लेकिन अब फसल बगैर पानी के सूख रही थी। क्योंकि माइनर में पानी नहीं आ रहा था।
ग्रामीणों ने बताया कि माइनर में लंबी-लंबी घास खड़ी हुई थी। इसकी सफाई के लिए कई बार जनप्रतिनिधि और सिंचाई विभाग में शिकायत की। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। धान बुआई करने वाले किसानों ने चंदा इकट्ठा करके जेसीबी से नहर की सफाई करवाई है। करीब दो किलोमीटर तक नहर साफ हुई है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता लोअर खंड आगरा एसएस शरद सौरभ गिरी ने बताया कि नहरों की सफाई अक्तूबर-नवंबर में होती है। अधिकांश नहरों से सिल्ट और झाड़ियां हटाई जाती हैं। पिछले साल भी इस माइनर की सफाई हुई थी।
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