इंडिया न्यूज, लखनऊ: FIR on Rohtas Group in 9.15 crore Fraud सीबीआई ने रोहतास ग्रुप (Rohtas Group) के प्रमोटर्स के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। आईडीबीआई बैंक के उप महाप्रबंधक अनुराग वर्मा की तहरीर के आधार पर दर्ज हुए केस में 10 को नामजद किया गया है।
पहली एफआईआर में कहा गया कि 14 मार्च 2014 को आईडीबीआई बैंक ने रोहतास की कंपनी क्लेरियन प्रोजक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के लिए पांच करोड़ का लोन स्वीकृत किया। यह विभूतिखंड में 23,934 वर्गफीट जमीन के आधार पर दिया गया। कर्ज मांगने वालों ने बताया था कि जल्द एचडीएफसी बैंक से एनओसी लेकर दे देंगे, क्योंकि रोहतास ने प्रापर्टी पर वहां से भी लोन लिया था। यह एनओसी उस हिस्से के लिए लेनी थी, जिस पर आईडीबीआई ने लोन स्वीकृत किया था।
संपत्ति अग्रवाल के कब्जे में थी, पर पंजीकरण नहीं हुआ था। इस तरह से बैंक से फ्रॉड कर लोन लिया गया है। बैंक ने 23 दिसंबर 2019 को कर्ज लेने वालों को घपलेबाज घोषित कर दिया। इसी तरह विभूतिखंड स्थित इसी प्रापर्टी पर 4.25 करोड़ का लोन रोहतास की ही कंपनी हाइब्रिड फार्म इनपुट्स लिमिटेड और पांच अन्य सह कंपनियों के नाम स्वीकृत किया गया।
सीबीआई ने हाइड्रिक फार्म इनपुट लिमिटेड के निदेशक दीपक रस्तोगी, पीयूष रस्तोगी, पंकज रस्तोगी, परेश रस्तोगी को नामजद किया है। हाइड्रिक फार्म इनपुट्स, रोहतास प्रोजक्ट लिमिटेड, फोरटेक बायो साइंस प्राइवेट लिमिटेड, एंड्स टाउन प्लानर, क्लेरियन प्रोजक्ट प्राइवेट लिमिटेड, रोहतास इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड व बैंक कर्मियों को आरोपी बनाया है।
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