इंडिया न्यूज, कुशीनगर (Kushinagar’s condition)। गंडक नदी में जलस्तर में बढ़ोतरी से बाढ़ का खतरा भी बढ़ने लगा है। बीते दिनों नदी में 2,76,800 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यह चेतावनी बिंदु से 94 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई। उस समय यह खतरे के निशान से सिर्फ छह सेंटीमीटर नीचे रह गई थी। इससे गंडक से सटे कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। मंगलवार को डिस्चार्ज में कमी आयी, लेकिन दोपहर 12 बजे यह फिर बढ़कर 2,86,000 क्यूसेक पर पहुंच गया। नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के चलते क्षेत्र के लोग बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं।
गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज सोमवार को 2,76,800 क्यूसेक था। उस समय नदी चेतावनी बिंदु 95 मीटर को पार कर 95.94 मीटर तक पहुंच गई थी। तब नदी खतरे के निशान 96 मीटर से मात्र छह सेंटीमीटर नीचे थी। मंगलवार को सुबह आठ बजे जलस्तर 95.83 मीटर था, जो दोपहर 12 बजे तक यथावत बना था। सुबह नौ बजे डिस्चार्ज 2,70,400 क्यूसेक, 10 बजे 2,70,400 क्यूसेक, 11 बजे 2,80,000 क्यूसेक और दोपहर 12 बजे 2,86,000 क्यूसेक पानी वाल्मीकि गंडक बैराज से नदी में छोड़ा गया। डिस्चार्ज बढ़ने से जलस्तर में बढ़ोतरी होने के साथ ही नदी के लाल निशान छू लेने की आशंका जताई जा रही है।
क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों में पानी भर जाने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शिवपुर गांव की पुलिस चौकी तक पानी पहुंच गया। घरों में तख्ता व मचान बनाकर लोग शरण लिए हैं। मरचहवा से बसंतपुर मार्ग पर पानी भर जाने से नाव चलानी पड़ रही है। बाढ़ प्रभावित महदेवा व सालिकपुर गांव में दोपहर बाद तक पानी नहीं घुसने से यहां के लोग राहत में हैं। नायब तहसीलदार रवि यादव राजस्व टीम के साथ जलमग्न गांव में मौजूद रहे। सोमवार की शाम बाढ़ का पानी हरिहरपुर, शिवपुर, बसंतपुर और मरचहवा गांव में पहुंच गया।
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