इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Ganga Expressway will be Ready by 2024: शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे की नींव रखी और कार्यक्रम में मौजूद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कल ही पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, ठाकुर रौशन सिंह का बलिदान दिवस है। अंग्रेजी सत्ता को चुनौती देने वाले शाहजहांपुर के इन तीनों सपूतों को 19 दिसंबर को फांसी दी गई थी। भारत की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने वाले ऐसे वीरों का हम पर बहुत बड़ा कर्ज है।
गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे है। ये एक्सप्रेस-वे 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा और राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार की नई राह खुलेगी। एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी और यह गंगा एक्सप्रेस वे देश के सबसे ऊपजाऊ क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेस-वे से एनसीआर, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य राज्यों के लोगों को फायदा मिलेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिससे इन इलाकों के किसानों, उद्यमियों और आम लोगों को काफी फायदा होगा।
गंगा एक्सप्रेस वे आधे से ज्यादा पश्चिमी यूपी के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं और शाहजहांपुर जिले से होते हुए गुजरेगा। हापुड़ और बुलंदशहर सहित अन्य जिलों में आवागमन के लिए गढ़मुक्तेश्वर में एक पुल बनाए जाने की योजना है। यह एक्सप्रेसवे शाहजहांपुर से होते हुए हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ व प्रयागराज तक जाएगा। एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए 94 प्रतिशत जमीन खरीदने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
गंगा एक्सप्रेस-वे पर आपातकाल में वायु सेना के विमानों की लैंडिंग और टेक आॅफ करने के लिए शाहजहांपुर जिले में 3.5 किमी की एक हवाई पट्टी भी बनेगी। इस एक्सप्रेसवे के साथ ही औद्योगिक कॉरीडोर भी बनाने की योजना है।
गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि खरीदी का काम कोरोना की पीक लहर के दौरान हुआ। लेकिन सिर्फ 1 साल में गंगा एक्सप्रेस वे के लिए 83 हजार किसानों से 94 फीसदी भूमि खरीदी जा चुकी है। एक्सप्रेस-वे बनने से एनसीआर तक भी लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी और इन इलाके के भीतरी स्टेशनों और बस डिपों से कनेक्टिविटी सुधरेगी। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग पर मेरठ जिले के बिजौली गांव के पास से शुरू होगा एवं प्रयागराज बाइपास पर प्रयागराज जिले के जुडापुर दांदू गांव के पास खत्म होगा। यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन चौड़ा होगा और भविष्य में इसका विस्तार 8 लेन तक किया जा सकेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण से आस-पास के इलाकों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास के और कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योग सम्बन्धी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह एक्सप्रेस-वे कई उत्पादन इकाइयों, विकास केन्द्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राजधानी से जोड़ने के लिए एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में मददगार साबित होगा।
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