India News (इंडिया न्यूज़), Ghaziabad News: गाजियाबाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में संचालित उद्योग, होटल-रेस्तरां, मॉल्स-मल्टीप्लेक्स और दुकानों समेत सभी व्यावसायिक भवनों के मालिकों को आगामी वित्तीय वर्ष से प्रति एक हजार लीटर पानी के लिए 32 रुपये तक यूजर चार्ज भी देना पड़ सकता है। नगर निगम के जलकल विभाग की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर बोर्ड की सहमति मिलने के बाद इस पर मंथन शुरू हो गया है। पानी की दरें भी प्रस्तावित कर दी गई हैं। बैठक का कार्यवृत्त जारी होने के बाद इस प्रस्ताव को लागू करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए अधिकारियों और पार्षदों की संयुक्त कमेटी गठित हो जाएगी।
दरअसल, नगर निगम वाटर टैक्स से जितनी आमदनी करता है, उससे करीब 10 गुना ज्यादा फंड हर साल पानी की आपूर्ति पर खर्च करता है। ऐसे में निगम अधिकारी पानी के संसाधनों पर होने वाली आमदनी को बढ़ाने पर मंथन कर रहे हैं। निगम के जलकल विभाग की ओर से वर्ष 2015 में व्यावसायिक और घरेलू भवनों से पानी का यूजर चार्ज वसूलने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। नगर निगम के तत्कालीन बोर्ड ने आवासीय भवनों की बजाय पहले चरण में सिर्फ व्यावसायिक भवनों पर यूजर चार्ज लगाने की सहमति दे दी थी। इसके बाद यह प्रस्ताव फाइलों में बंद हो गया। अब 26 सितंबर को हुई बोर्ड बैठक में अधिकारियों ने दोबारा इस प्रस्ताव को पेश कर बोर्ड की सहमति ले ली है। कितने पानी के इस्तेमाल पर कितना यूजर चार्ज देना होगा, इसके लिए जलकल विभाग ने दरें भी प्रस्तावित कर दी हैं।
जलकल विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक औद्योगिक प्रतिष्ठान, नर्सिंग होम, स्टार रेटिंग वाले होटल्स, आइस्क्रीम व बर्फ फैक्टरी, कोल्ड स्टोरेज, बॉटलिंग प्लांट, गैराज, पेट्रोल पंप और सर्विस स्टेशनों पर प्रति एक हजार लीटर पानी के लिए 32 रुपये यूजर चार्ज लिया जाएगा। रेस्तरां, सिनेमाघर और दुकानों से 19.20 रुपये प्रति एक हजार लीटर, सरकारी, अर्द्ध सरकारी प्रतिष्ठानों से 11.60 रुपये प्रति किलोलीटर, निर्माण कार्य के लिए सबसे ज्यादा 96 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से यूजर चार्ज वसूला जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक कनेक्शन पर 76 रुपये से लेकर 768 रुपये तक पर्यवेक्षण शुल्क भी लिया जाएगा।
नगर निगम के महाप्रबंधक जल आनंद त्रिपाठी का कहना है कि बोर्ड से प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। प्रस्तावित दरों पर मंथन के लिए पार्षदों और अधिकारियों की एक संयुक्त कमेटी का गठन होना बाकी है। बोर्ड बैठक का कार्यवृत्त जारी हो जाने के बाद कमेटी गठित होगी और अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी के सुझाव के अनुसार प्रस्ताव को लागू किया जाएगा।
महापौर सुनीता दयाल का कहना है कि निगम के खर्चाें की पूर्ति के लिए आमदनी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। यूजर चार्ज केवल व्यावसायिक भवनों से लिया जाना प्रस्तावित किया गया है। इस प्रस्ताव का आकलन करने के लिए बनने वाली कमेटी के लिए जल्द ही पार्षदों का नाम फाइनल कर लिया जाएगा। अधिकारियों के नाम नगरायुक्त तय करेंगे। कमेटी की राय के आधार पर प्रस्ताव को लागू किया जाएगा।
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