Ghazipur
इंडिया न्यूज यूपी/यूके, गाज़ीपुर: विगत कईं दिनों से थाना, पुलिस चौकी और तहसील में न्याय की गुहार लगा रही बसूका गांव की परंपरागत तवायफो को शुक्रवार को न्याय मिल गया। मामला मुजरे की आड़ में सेक्स रैकेट चलाने के आरोप से जुड़ा था और मुज़रा करने वाली थाना कोतवाली के चक्कर लगा रही थी।
एसडीएम ने दी अनुमति
बीते शुक्रवार यानी कल दोनों पक्षो को एसडीएम राजेश प्रसाद ने बुलाया था जहां उन्होंने तवायफों के कागजात देखे और गलत काम न करने की बात कहते हुए नृत्य संगीत के रजिस्ट्रेशन अनुसार काम करने की अनुमति दे दी, उस समय सम्बंधित थाने के पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। सेवराई तहसील क्षेत्र के बसुका गांव में सैकड़ों वर्ष पुरानी चली आ रही नृत्य-संगीत कला की परंपरा को पुनः चालू करने का निर्देश दे दिया । अब एक फिर ढोलक की थाप और घुंघरू की झंकार के बीच नृत्य और संगीत का लुफ्त कला प्रेमी उठा सकते हैं।
नृत्य कला ही तवायफों की आजीविका का एकमात्र साधन
बता दें कि विगत दिनों गहमर थाना क्षेत्र के बसुका गांव में रहने वाली तवायफों ने गहमर थाना पहुंचकर अपने ही गांव के ग्राम प्रधान एवं एक मौलाना सहित दर्जनों लोगों पर छेड़खानी करने एवं रंगदारी मांगने का तहरीर गहमर थाने में दिया था उन्होंने आरोप लगाया की सैकड़ों वर्ष पूर्व चली आ रही पुस्तैनी नृत्य-संगीत परंपरा को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। तवायफों का कहना था नृत्य कला ही उनके आजीविका का एकमात्र साधन है । इसके बंद हो जाने से वह भूखमरी के कगार पर आ जाएंगे ।
शांति पूर्वक अपना कार्य करने का दिया निर्देश
विगत कई दिनों से थाना, चौकी व तहसील में चली आ रही मैराथन बैठक के पश्चात शुक्रवार की दोपहर एस डी एम राजेश प्रसाद ने तवायफों को आश्वासन दिया कि वे शांति पूर्वक अपना कार्य करें और जो भी अनावश्यक रूप में से इसमें व्यवधान उत्पन्न करेगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। एसडीएम का फरमान सुन तवायफों ने राहत की सांस ली। तो वहीं एक बार पुनः इनके गलियों से गुजरने वाले लोगों को तबले की थाप और घुंघरू की झंकार सुनाई देंगी।
इस संबंध में एसडीएम राजेश प्रसाद ने बताया कि नृत्य-सगीत के लिए उनके पास वैधानिक लाइसेंस है इसके जरिये वे अपना कार्य कर सकती है जो भी अनावश्यक रूप से अराजक तत्व इसमे व्यवधान उत्पन्न करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाई की जायेगी ।