India News (इंडिया न्यूज़), Gonda News: राजस्व विभाग में जिंदा को मृत्यु दिखाकर अभिलेखों में हेरा फेरी करने का खेल कोई नया नहीं है। गोंडा में लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने रिटायर्ड फौजी को मृत दिखाकर इस नाम के गांव के दूसरे व्यक्ति के परिजनों के नाम सारी जमीन वरासत कर दिया। जांच में खुलासा होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया।
गोंडा जिले के सदर तहसील में राजस्व निरीक्षक और लेखपाल का एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है। रिटायर्ड फौजी की जमीन को दूसरे के नाम वरासत कर देने का मामला जांच में खुलासा होने के बाद डीएम के निर्देश पर आरोपी लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही अभिलेखों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
गोंडा जिले के सदर तहसील के गांव कमड़ावा निवासी रामशब्द तिवारी ने तहसील दिवस में डीएम के सामने प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि वह भी जिंदा है। उसकी जमीन गांव के दूसरे व्यक्तियों के परिजनों के नाम कर दी गई। डीएम ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम सदर को जांच कर कार्यवाई करने का निर्देश दिया था। जांच में शिकायत की पुष्टि होने के बाद आरोपी लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
जिलाधिकारी के आदेश पर शिकायती पत्र में दिए गए तथ्यों की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि शिकायतकर्ता रामशब्द नाम के दो व्यक्ति ग्राम कमडावा में रहते हैं। एक अनुसूचित जाति का है। जिनकी मृत्यु हो गई है। तथा दूसरे ब्राह्मण जाति के हैं। रामशब्द के नाम खाता संख्या 283, 366, 446 5. 356, 316, 476, 310, 312, 311, 325 व 340 संक्रमणीय भूमिधर दर्ज कागजात है। अनुसूचित जाति की उपजाति कोरी के मृतक राम शब्द के परिजनों ने वरासत के लिए ऑनलाइन आवेदन किया।
जिस पर बिना जाँच और तथ्यों की जानकारी किये लेखपाल हितेश तिवारी ने रामशब्द को मृत होना दर्शाते हुए उनकी भूमि मृतक राम शब्द कोरी के वारिसानों का नाम अंकित करने के लिए रिपोर्ट ऑनलाइन एवं ऑफलाइन अग्रसारित कर दी। वहीं राजस्व निरीक्षक हनुमान प्रसाद पाण्डेय ने भी बिना जांच के मनमाने ढ़ंग से वरासत की कार्यवाही की। जांच में खुलासे के बाद गलत वरासत आदेश को निरस्त कर संशोधित आदेश पारित कर दिया गया है। इस संबंध में एसडीएम सदर ने बताया कि लापरवाही के लिए दोषी पाए जाने पर क्षेत्रीय लेखपाल और राजस्व निरीक्षक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।