Greater Noida
इंडिया न्यूज, ग्रेटर नोएडा (Uttar Pradesh) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर ग्रेटर नोएडा पहुंचे। यहां उन्होंने नोएडा और ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण 1669 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में माफिया जो कभी प्रदेश की व्यवस्था का संचालन करते थे और उनके बगैर सत्ता का पत्ता नहीं हिलता था, आज वे जेलों में सड़ते हुए कैसे गिड़गिड़ा रहे हैं ये आप देखते होंगे।
सीएम ने कहा कि पांच साल पहले ये क्षेत्र सीएम के लिए शापित माना जाता था। ये पूरा क्षेत्र भेड़ियों और माफियाओं से जुड़े थे। प्राधिकरण का पैसा दुरपयोग करते थे। पांच सालों में दिशा और दशा दोनों बदली है। टीम वर्क के रूप में परिणाम देना शुरू किया। उप्र का पहला डेटा सेंटर का लोकार्पण किया। ये डिजिटल इंडिया के आने वाली चुनौतियों की एक नई शुरुआत है। पीएम ने फाइव जी की शुरुआत की। ये जीवन की नई तस्वीर है। डाटा सेंटर के रूप में नोएडा ग्रेटर नोएडा विकसित हो रहा है। सीएम ने कहा कि विकास की योजनाओं का लाभ समाज के प्रत्येक तबके को पहुंचाना यही हमारा कर्तव्य है।
सीएम ने कहा कि अगर पिछली सरकार होती तो यहां कभी डाटा सेंटर नहीं लग पता। यहां कोई सुरक्षित नहीं था तो कैसे यहां कोई अपनी पूंजी लगाता। अब यहां की तस्वीर बदल रही है। अब तकदीर बदल रही है। जेवर क्षेत्र अपराध के गढ़ के रूप में जाना जाता था। 2017 में कितना वीभत्स कांड हुआ था। ऐसे में माफियाओं को सबक सिखाना था। तब से लेकर अब तक उप्र में संगठित अपराध समाप्त हो गया है। देश में वर्ड क्लास इंफ्रा नोएडा ग्रेटरनोएडा में है। यहां की जगमगाती सड़कें चौड़ी सड़कें लेकिन यहां से कही भी जाएंगे तो पता लगेगा कि आप नए नोएडा से होकर आए है।
पांच सालों में नई नई चीजें आई है। एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट यहां बन रहा है। फिल्म सिटी यहां बन रही है। और भी ढेर सारी योजनाएं आ रही है। लाखों रोजगार के साधन आ रहे है। हर व्यक्ति इस बात को मान रहा है देश में नोएडा ग्रेटरनोएडा ही। अब नोएडा ग्रेटरनोएडा मल्टी मॉडल के रूप में बढ़ रहा है। अब गंगा मइैया खुद आपके घर आ रही है। अब 85 क्यूसेक गंगाजल घर आ रहा है। इसमें भी कई बैरियर थे जिसमें विपक्ष ने कोई कसर नहीं छोड़ी। किसानों के साथ हमने बातचीत की हमारी सरकार ने संवाद किया। और माफियाओं के साथ निपटने का काम किया। अनावश्यक काम में रोड़ा लगा देना उन सभी बैरियर को हटाते हुए 85 क्यूसेक गंगा जल मिल रहा है। 176 किमी पाइप लाइन बिछाई गई। 376 करोड़ रुपए खर्च किए गए। एसटीपी प्लांट, आईएसटीएमएस अब हम हम सेफ सिटी के साथ भी जोड़ेंगे। विद्युत अपूर्ति भी लगातार बनी रही इसके साथ अन्य परियोजनाओं का लोकार्पण किया जा रहा है।
ग्रेनोवासियों के घरों में गंगाजल मिश्रित जलापूर्ति होगी। सप्लाई के लिए ग्राउंड वाटर पर निर्भरता कम हो जाएगी। इससे भूजल की बचत होगी। भूजल स्तर में सुधार होगा। दरअसल, अपर गंगा कैनाल (हापुड़) से 85 क्यूसेक गंगाजल लाने का प्रस्ताव सबसे पहले 2005 में बना। 2012 से 2014 के बीच ग्रेटर नोएडा परिक्षेत्र में जलापूर्ति नेटवर्क तैयार कर लिया गया। 2017 के बाद देहरा से जैतपुर तक 23 किलोमीटर की पाइपलाइन, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व देहरा में इंटेक (प्रारंभिक ट्रीटमेंट प्लांट) के निर्माण के कार्य शुरू किए। देहरा से 7.4 किलोमीटर की पाइप लाइन सिंचाई विभाग की जमीन पर की जानी थी, जिसको प्राधिकरण ने 2018 तक पूरा कर लिया। उसके आगे एनटीपीसी से जमीन लेकर पाइपलाइन बिछाई गई।
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