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Gyanvapi Case: मसाजिद कमेटी की आपत्ति के बाद ASI सर्वे की मीडिया कवरेज होगी या नहीं, आज आ सकता है आदेश

• LAST UPDATED : August 10, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Gyanvapi Case: वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर में लगातार चल रहे एएसआई सर्वे को लेकर रोजाना नई अपडेट सामने आ रही है। जहां अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा बुधवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। कमेटी के आवेदन पर कोर्ट में इसकी सुनवाई हुई। जिसके बाद अधिवक्ताओं ने बताया कि अदालत ने कमेटी की सभी दलीलें सुनीं और मौखिक रूप से एएसआई सर्वे को गोपनीयता बनाए रखने को करहा।

बता दें कि एएसआई द्वारा 15 दिन का सर्वेक्षण होना हैै और उसके बाद उस रिपोर्ट को अदालत में पोश करना है। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि रिपोर्ट लीक नहीं होनी चाहिए। उसके साथ ही दोनों पक्ष अनावश्यक बयानबाजी से बचें।  वहीं इसी बीच अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने मंगलवार को जिला जज की अदालत का दरवाजा एक बार फिर खटखटाया है। जिसमें कमेटी द्वारा कोर्ट में मीडिया कवरेज रोकने की मांग की गई।

मीडिया द्वारा तथ्यहीन रिपोर्टिंग की जा रही

ज्ञानवापी के परिसर में एएसआई सर्वे लगातार जारी है, लेकिन इसी बीच अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने मंगलवार को जिला जज की अदालत में एक प्रार्थना पर डाला है। प्रार्थना पत्र में लिखा है कि मीडिया का कवरेज रोका जाए। इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने मामले में आरोप लगाते हुए कहा कि मीडिया द्वारा तथ्यहीन रिपोर्टिंग की जा रही है। जहां अभी तक सर्वे शुरू भी नहीं हुआ, वहां की बातें भी लिखी जा रहीं। जिसके बाद से अदालत ने पक्षकारों से आपत्ति मांगी है।

मौलिक अधिकारों के तहत मीडिया को पूरी स्वतंत्रता

वहीं, मां श्रृंगार गौरी मुकदमे की वादिनी राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी द्वारा कोर्ट में दलील दी गई है कि भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों के तहत मीडिया को समाचार प्रकाशन की पूरी स्वतंत्रता है। हां अगर कोई त्रुटिपूर्ण खबर सामने आ रही है तो मीडिया उसे सुधार ले रहा है। जिसके बाद मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मुमताज अहमद कहते है कि अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। आदेश आने के बाद ही उसके संबंध में बता पाना संभव होगा।

दोनों पक्ष सर्वे में सहयोग कर रहे

ज्ञानवापी में पांचवे दिन भी सर्वे जारी रहा। वहीं मामले में एएसआई टीम द्वारा दक्षिण की तरफ तहखाने की जांच की गई है। पहले साफ-सफाई की गई उसके बाद साक्ष्य जुटाए गए। साथ ही पश्चिमी दीवार के आसपास सर्वे किया गया है। टीम ने नींव व उससे सटे क्षेत्रों में मशीन लगाकर मामले की जानकारी जुटाई। लेकिन कोई जानकारी हिंदू या फिर मुस्लिम पक्ष को नहीं दे रही। दोनों पक्ष सर्वे में सहयोग कर रहे हैं।

इमाम के फीता पकड़ने को लेकर विवाद

वहीं सर्वे के दौरान नाप-जोख कर रही एएसआई की टीम के साथ मौजूद इमाम के फीता पकड़ने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बता दें, हिंदू पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है।उनका कहना है कि एएसआई की टीम परिसर का कोना-कोना खंगाल रही है। अगर जरूरत हो तो सर्वे में और विशेषज्ञों को जोड़ा जाना चाहिए। इस तरह से किसी की मदद लेना ठीक नहीं है। लेकिन मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव दवारा बताया जा रही है कि इमाम सर्वे में मदद कर रहे हैं। इमाम के फीता पकड़ने का मामला बाहर कैसे आया, इसकी जांच होनी चाहिए।

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