India News(इंडिया न्यूज़), Gyanvapi Case : वाराणसी की अदालत ने एक अहम फैसला लिया है, जिसमें हिंदू पक्ष को मस्जिद के तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया गया है। इस फैसले के बाद अब काशी विश्वनाथ के पुजारी ही तहखाने में पूजा करेंगे। कोर्ट ने प्रशासन को नियमित पूजा की व्यवस्था करने के लिए सात दिन का समय देने का भी आदेश दिया है।
ऐसे में सवाल उठता है कि यह मामला क्या है? सोमनाथ व्यास के परिवार को 1993 तक तहखाने में पूजा करने की उचित अनुमति थी। इसके बाद, 1993 में राज्य सरकार ने तहखाने में पूजा सेवाओं को बंद करने का आदेश दिया, जिसे हिंदू पक्ष ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद अब याचिका के जरिए कोर्ट ने इस मसले पर अपना फैसला सुनाया है।
जिला अदालत के फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई है और हाई कोर्ट में अपील का दरवाजा खोल दिया है। बता दें कि तहखाने में पूजा की मांग को लेकर सितंबर 2023 में याचिका दायर की गई थी
सोमनाथ व्यास के पोते शैलेन्द्र पाठक की ओर से शुरू की गई याचिका में बेसमेंट को डीएम को सौंपने की मांग की गई थी। इस मसले पर कोर्ट में कई बार सुनवाई हुई और आज इसका फैसला सुनाया गया है। इस फैसले से साफ है कि हिंदू पक्ष को तहखाने में पूजा करने का अधिकार मिल गया है, लेकिन यह मामला आगे भी न्यायिक प्रक्रिया के तहत चलता रहेगा।