India News (इंडिया न्यूज),Gyanvapi Survey Report: विश्व हिंदू परिषद ने शनिवार को दावा किया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण उस स्थान पर हुआ है जहां ‘‘भव्य मंदिर’’ हुआ करता था तथा मांग की कि ढांचे को हिंदू मंदिर घोषित किया जाए और हिन्दू समुदाय को सौंपा जाए। उन्होंने ये भी मांग की कि हिंदुओं को विवादित स्थल पर ‘‘तथाकथित वजूखाना क्षेत्र’’ में पाए गए शिवलिंग की सेवा पूजा करने की अनुमति दी जाए।
#WATCH | Ayodhya: On Vishva Hindu Parishad (VHP) International Working President, Alok Kumar's statements on the Gyanvapi's ASI survey report, Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Chief Priest Acharya Satyendra Das says, " According to Shariat, Muslims cannot offer namaz in a… pic.twitter.com/yoS3l2PdON
— ANI (@ANI) January 28, 2024
अध्यक्ष आलोक कुमार ने एक बयान में कहा कि ‘‘एएसआई द्वारा जुटाए गए सबूत और निष्कर्ष यह साबित करते हैं कि इस पूजा स्थल का धार्मिक स्वरूप 15 अगस्त, 1947 को अस्तित्व में था और वर्तमान में ये एक हिंदू मंदिर है।’’ उन्होंने ये भी मांग की, ‘‘इस प्रकार, उपासना स्थल अधिनियम, 1991 की धारा चार के अनुसार भी, ढांचे को हिंदू मंदिर घोषित किया जाना चाहिए।’’
विहिप ने मस्जिद का प्रबंधन करने वाली इंतेजामिया समिति से भी अपील कि की वे ज्ञानवापी मस्जिद को ‘‘सम्मानपूर्वक किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित’’ करने और काशी विश्वनाथ के मूल स्थल को हिंदू समाज को सौंपने पर सहमत हो। कुमार ने कहा, ‘‘विहिप का मानना है कि ये नेक कार्रवाई भारत के दो प्रमुख समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।’’
ज्ञानवापी मामले को लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और भगवान विश्वेश्वर की नियमित पूजा के इंतजाम भी किए जाएं। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर चल रहा मामला यह है कि हिन्दू पक्ष की मांग है कि पूरा ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए और मुस्लिमों का प्रवेश ज्ञानवापी में बैन किया जाए। इसके साथ ही हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद के गुंबद को भी ध्वस्त किया जाए।
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