Hamirpur
इंडिया न्यूज, हमीरपुर (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में चल रही सेना भर्ती में गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई की टीम जिला मुख्यालय पहुंची। इस टीम ने जिले भर के लेखपालों को बुलाकर पूछताछ करते हुए उनसे केस से संबंधित ब्यौरा मांगा है। इसी के साथ टीम ने कई गांवों के प्रधानों और नगर पालिका परिषद के सभासदों से भी पूछताछ की।हमीरपु से सेना में भर्ती हुए 34 अभ्यर्थियों के निवास प्रमाण पत्र और अन्य कागजात फर्जी पाए गए थे। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर की गई थी।
40 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जानकारी के अनुसार सीबीआई ने खासतौर पर उन ग्राम प्रधानों, लेखपालों और नगर पालिका परिषद के सभासदों को पूछताछ के लिए बुलाया था। जिनके हस्ताक्षर से सेना भर्ती के लिए कागजात को तैयार किया गया था। सीबीआई टीम ने इन सभी से संबंधित रिकार्ड लेकर हाजिर होने को कहा था। बता दें कि कानपुर में वर्ष 2016 के दौरान हुई सेना की रैली भर्ती में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। इस मामले में भी सीबीआई ने अब तक 40 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
रिश्वत देकर बनवाया था फर्जी दस्तावेज
सीबीआई की शुरुआती जांच में पता चला कि इस भर्ती के लिए कई अभ्यर्थियों ने रिश्वत देकर फर्जी दस्तावेज बनाए थे। इनमें से 34 अभ्यर्थी परीक्षा में पास भी हो गए और इनमें से 30 लोगों ने ड्यूटी ज्वाइन कर लिया था। हालांकि बाद में सीबीआई जांच के दौरान मामले का खुलासा हो गया।
बिचौलिया ने कबूली पूरी वारदात
मामले की जांच में सीबीआई बिचौलिए तक पहुंच गई। ये बिचौलिया कोई और नहीं, बल्कि सेना भर्ती कार्यालय में तैनात हवलदार गिरीश था। आरोपी ने सीबीआई की पूछताछ में पूरी वारदात कबूल ली। उसके कबूलनामे के बाद अब सीबीआई सभी निवास प्रमाणपत्रों की जांच कर रही है। यह सभी निवास प्रमाण पत्र हमीरपुर जिले से जारी हुए थे।
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