Hathras Case: हाथरस बलात्कार/हत्याकांड के मुख्य आरोपी को दोषी ठहराने और तीन अन्य आरोपियों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले के एक दिन बाद पीड़ित परिवार के सदस्य ने शुक्रवार को जज के इस फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा कि न्याय के लिए उनकी लड़ाई अभी जारी रहेगी,क्योंकि उन्हें अभी न्याय नहीं मिला है।
जब हाथरस पर फैसला सुनाया जा रहा था तो पीड़ित का एक भाई अदालत में मौजूद था। उसने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से कहा कि ‘मेरी बहन को न्याय दिलाने के लिए हमारे संघर्ष का कोई नतीजा नहीं निकला है। हमें अभी तक न्याय नहीं मिला है, हम इसके लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हमारी लड़ाई पैसा या कोई मुआवजा पाने के लिए नहीं थी बल्कि यह मेरी बहन को न्याय दिलाने के लिए थी।’
बता दें कि हाथरस की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को मुख्य आरोपी संदीप (20) को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि रवि (35), लव कुश (23) और रामू (26) को बरी कर दिया गया। मुख्य आरोपी संदीप के वकील मुन्ना सिंह पुंडीर ने कहा कि मुख्य आरोपी के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोप साबित नहीं हो सके।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर,साल 2020 में एक 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। जिसकी 29 सितंबर को दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। दरअसल, परिवार वालों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि आधी रात को उनकी बेटी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था और परिवार ने उन्हें शव को घर लाने नहीं दिया गया। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने खासतौर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी, केन्द्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में था।
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