India News UP (इंडिया न्यूज), Hathras Stampede: भारत में मंदिरों और अन्य धार्मिक आयोजनों में भगदड़ होने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी ऐसे कार्यक्रमों में भगदड़ में बहुत सारी संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है।
हाथरस भगदड़ में घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है। इस दुखद घटना के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस का दौरा किया। योगी ने अस्पताल जाकर घायलों का हाल भी जाना।
इस घटना ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया है और उनकी जिंदगी को उलट-पलट कर दिया है। भारत में मंदिरों और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान हुए भगदड़ों में से बहुत से लोगों की मृत्यु की यह पहली घटना नहीं है। हाल ही के वर्षों में देश में मंदिरों और धार्मिक आयोजनों के दौरान हुई कुछ प्रमुख भगदड़ों में भी जानें गई है। अब तक हुई घटनाएं…
31 मार्च 2023 को इंदौर में एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान, एक पुरानी बावड़ी के बनी स्लैब के ढहने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई। साथ ही 1 जनवरी 2022 को वैष्णो देवी की घटना जो जम्मू- कश्मीर में हुई।
14 जुलाई 2015 आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी जिले में पुष्करम उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर मुख्य स्नान स्थल पर मची भगदड़ में 27 तीर्थयात्रियों की जान चली गई। इस दुर्घटना में 20 अन्य घायल हो गए।
25 जनवरी 2005 महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान 340 से अधिक श्रद्धालु कुचलकर मारे गए।
3 अक्टूबर 2014 दशहरा समारोह समाप्त होने के बाद पटना के गांधी मैदान में मची भगदड़ में 32 लोगों की मौत हो गई। इस दुर्घटना में 26 अन्य घायल हो गए।
19 नवंबर 2012 पटना में गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा समारोह के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से मची भगदड़ में करीब 20 लोगों की मौत हो गई।