होम / Hijab Controversy: सपा सांसद बोले- बेपर्दा होने से आवारगी बढ़ेगी, स्वामी चक्रपाणि ने कहा- हिंदू बच्चे भी भगवा पहन कर जाएंगे, डिप्टी CM ने दिया करारा जवाब

Hijab Controversy: सपा सांसद बोले- बेपर्दा होने से आवारगी बढ़ेगी, स्वामी चक्रपाणि ने कहा- हिंदू बच्चे भी भगवा पहन कर जाएंगे, डिप्टी CM ने दिया करारा जवाब

• LAST UPDATED : October 13, 2022

Hijab Controversy

इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) । हिजाब पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच एक राय न बनने पर मामला CJI (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) के पास जाएगा। हिजाब मामले की सुनवाई अब बड़ी बेंच करेगी। अभी तक सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया इस प्रकरण की सुनवाई कर रहे थे। जस्टिस गुप्ता ने कहा, ”हमारे अलग-अलग विचार हैं इसलिए ये मामला चीफ जस्टिस के पास भेजा जा रहा है, ताकि वह बड़ी बेंच का गठन करें। इस दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट का फ़ैसला जारी रहेगा।

एक दिन बाद रिटायर होने जा रहे जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन को सही ठहराया है। जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले और राज्य सरकार के आदेश को रद्द करने का आदेश दिया है। अब इस मसले पर सियासत शुरू हो गई है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार यूपी की कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं देगी। वहीं सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि हिजाब पाबंदी से आवारगी बढ़ेगी। हिजाब एक मजहबी मामला है।

आइए पहले पढ़ते हैं कि किसने क्या कहा?

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, ”हिजाब प्रकरण में कोर्ट के फैसले का सम्मान है। यूपी में कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं देंगे। सरकार पेशेवर अपराधियों पर नकेल कस रही है।”

अखिल भारत हिंदू महासभा/संत महासभा के नेशनल प्रेसिडेंट स्वामी चक्रपाणि ने कहा, ”स्कूलों में यदि हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगता है तो हिंदू बच्चे भी भगवा पहन कर जाएंगे।”

संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा, ”हिजाब पर पाबंदी हटने से माहौल बिगड़ेगा और आवारगी बढ़ेगी। हिजाब ईमानदारी से मजहबी मामला है। इस्लाम में है कि महिलाएं, बच्चियां बापर्दा रहें। बेपर्दा होने पर माहौल बिगड़ता है।”

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, ” सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हम स्वागत करते हैं। उम्मीद करते हैं कि लार्जर बेंच हिजाब के धार्मिक महत्व को जरूर कंसीडर करेगी। कुरान में है कि मुस्लिम बच्चियां घर से निकलें तो अपने सर को कवर करें। हिजाब करने से रोकने का कानूनी अधिकार नहीं है।”

कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला क्या था?

इसी साल मार्च में कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर 129 पन्नों में अपना फैसला दिया था। कोर्ट ने फैसले में कहा था कि क्लासरूम में हिजाब पहनने की अनुमति देने से “मुसलमान महिलाओं की मुक्ति में बाधा पैदा होगी” और ऐसा करना संविधान की ‘सकारात्मक सेकुलरिज्म’ की भावना के भी प्रतिकूल होगा। हिजाब इस्लाम के अनुसार अनिवार्य नहीं है। हाईकोर्ट ने क़ुरान की आयतों और कई इस्लामी ग्रंथों का हवाला दिया था। इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट के इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए छात्राओं की ओर से एक स्पेशल लीव पिटीशन दायर की गई।

ऐसे शुरू हुआ था विवाद

हिजाब विवाद बीते साल 2021 में जुलाई महीने में शुरू हुआ। कर्नाटक के उडुपी ज़िले में एक जूनियर कॉलेज ने छात्राओं पर स्कूल में हिजाब पहनकर आने पर रोक लगा दी थी। 1 जुलाई 2021 को गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स ने तय किया था कि किस तरह की पोशाक को कॉलेज यूनिफॉर्म स्वीकार किया जाएगा और कहा था कि छात्राओं के लिए दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। जब कोविड लॉकडाउन के बाद स्कूल फिर से खुला तो कुछ छात्राओं को पता चला कि उनकी सीनियर छात्राएं हिजाब पहनकर आया करती थीं। इन छात्राओं ने इस आधार पर कॉलेज प्रशासन से हिजाब पहनने की अनुमति मांगी।

उडुपी ज़िले में सरकारी जूनियर कॉलेजों की पोशाक को कॉलेज डेवलपमेंट समिति तय करती है और स्थानीय विधायक इसके प्रमुख होते हैं। बीजेपी विधायक रघुवीर भट्ट ने मुसलमान छात्राओं की मांग नहीं मानी और उन्हें क्लास के भीतर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं मिली। दिसंबर 2021 में छात्राओं ने हिजाब पहनकर कैंपस में घुसने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें बाहर ही रोक दिया गया था। इन लड़कियों ने इसके बाद कॉलेज प्रशासन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू कर दिया था और जनवरी 2022 में उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में हिजाब पर प्रतिबंध के ख़िलाफ़ याचिका दायर कर दी थी।

ये मामला शुरू तो उडुपी ज़िले से हुआ था, लेकिन जल्द ही जंगल की आग की तरह बाक़ी ज़िलों में भी फैल गया। शिवमोगा और बेलगावी ज़िलों में भी हिजाब पहनकर कॉलेज आने वाली मुसलमान छात्राओं पर रोक लगा दी गई। भगवा गमछा पहने छात्रों ने हिजाब पहने छात्राओं के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी शुरू कर दी। कोंडापुर और चिकमंगलूर में प्रदर्शन और प्रदर्शनों के ख़िलाफ़ हिंदू और मुसलमान छात्रों के प्रदर्शन शुरू हो गए।

यह भी पढ़ें- 6,436 अवैध मदरसे मिले, अब सर्वे 20 अक्टूबर तक चलेगा

Connect Us Facebook | Twitter

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox