इंडिया न्यूज, कानपुर ।
IMA CGP Program at Ganesh Shankar Vidyarthi Medical College : मोटापा जानी ओबेसिटी का शिकार धीरे धीरे बड़ी संख्या में लोग हो रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो शहरी क्षेत्रों में 46% लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में आयोजित आईएमए सीजीपी प्रोग्राम को संबोधित करते हुए पद्मश्री डॉ रणधीर सूद ने उक्त विचार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई यदि 30 से 35 के बीच हो तो मान लेना चाहिए कि आप ओबेसिटी के शिकार हो रहे हैं और यदि या 39 से 45 के बीच हो तो यह स्थिति चिंताजनक बन जाती है। उन्होंने मोटापे को कम करने के लिए इंटर गैस्ट्रिक बलून टेक्नोलॉजी के विषय में जानकारी दी। (IMA CGP Program at Ganesh Shankar Vidyarthi Medical College )
इंटर गैस्ट्रिक बलून टेक्नोलॉजी का उपचार एक पॉलीमर बैलून के द्वारा किया जाता है उन्होंने बताया कि एक पॉलीमर बैलून मरीज के खाने की थैली में डाल दिया जाता है। इसमें 400ml का सलाइन भरा जाता है। सलाइन के कारण पीड़ित को भूख की इच्छा नहीं होती है। लगता है उसका पेट भरा हुआ है। बलून को 1 साल मैं निकाल दिया जाता है। लेकिन तब तक लगभग 15 किलोग्राम वजन घट जाता है।
डॉक्टर सूद की मानें तो पुरुष के मुकाबले महिलाओं में ओबेसिटी यानी मोटापे की समस्या अधिक होती है। इस तकनीक के माध्यम से मोटापे के साथ कई अन्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है। संतुलित आहार और एक्सरसाइज के द्वारा भी इस बीमारी को दूर किया जा सकता है। कार्यक्रम में डॉक्टर पीयूष मिश्रा, आईएमए प्रेसिडेंट डॉ बृजेंद्र शुक्ला, डॉ कुणाल सहाय आदि भी मौजूद थे।
(IMA CGP Program at Ganesh Shankar Vidyarthi Medical College )
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