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Kashi News: काशी में मोक्ष के लिए इंतजार! भीषण गर्मी में शवदाह के लिए करना पड़ रहा घंटों वेटिंग

• LAST UPDATED : June 18, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Kashi News: हिन्दू धर्म में माना जाता है कि अगर काशी में अंतिम संसकार हो तो आत्मा को मोश्र मिल जाता हैं। लेकिन धर्म की नगरी काशी में मोक्ष की कामना को लेकर आने वालें मृतकों को घंटो इंतजार करना पड़ रहा है। भीषण गर्मी में शवों की संख्या बढ़ने की वजह से शवदाह वाले काशी के प्रसिद्ध व अति प्राचीन मणिकर्णिका घाट पर शव लेकर आये लोगों को प्रतीक्षा करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि शवदाह करने के लिए यात्रियों को करीब 2 से 3 घंटे के इंतजार के बाद उनका नंबर आ रहा है, ऐसे में चिलचिलाती धूप में शव यात्रा में शामिल लोग काफी परेशान दिख रहे है।

गर्मी में अचानक बढ़ी शवों की संख्या

वाराणसी सहित तमाम जिलों में तापमान में हुई वृद्धि की वजह से मरने वालो की संख्या में इज़ाफा हुआ है, ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए घाट पर बड़ी संख्या में शव पहुंच रहे है। स्थानीय दुकानदारों की माने तो ऐसा प्रतिवर्ष होता है कि, जब भी भीषण गर्मी या कड़ाके की ठंड होती है तो मृतकों की संख्या में इज़ाफा होता है। वहीं एक साथ मणिकर्णिका घाट पर शवो के पहुंचने पर यात्रियों को काफी इंतजार करना पड़ता है। स्थानीय दुकानदारों के अनुसार आम दिनों में मणिकर्णिका घाट पर प्रतिदिन 50 से 60 शवों का अंतिम संस्कार करवाया जाता है, लेकिन इन दिनों या आंकड़ा बढ़कर 100 के पार हो गया है।

गर्मी की वजह से चिताओं को जलाने में होती है परेशानी

अंतिम संस्कार और शवदाह करवाने वाले लोगो की माने तो भीषण गर्मी में शवदाह करवाने में समय लगता है। चिताओं को जलाने और पूरी तरह जलने के बाद उसे ठंडा होने में समय लगता है। एक शव को जलाने में करीब 3 से 4 घंटे का समय लग जाता है। इस दौरान जो शव आते है उन्हे इंतजार करना पड़ता है, वही गर्मी में शवदाह के समय आग की वजह से शवदाह करवाने वाले लोगो को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

वेटिंग से शव यात्री परेशान, घंटो इंतजार के बाद हो रहा शवदाह

शवदाह करने आने वाले यात्रियों को वेटिंग से काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ता है। चिलचिलाती धूप में जलती चिताओं के साथ तपते पत्थरों पर खड़े शव यात्री काफी परेशान है। शव यात्रा में शामिल यात्रियों की माने तो एक तरफ जलती चिताओं की लपटों से बचाव करना होता है, तो वही गर्मी की वजह से पत्थरों के तपने की वजह से श्मशान घाट पर खड़े होने में दिक्कत होती है। कही छाव मिल जाए तो कुछ राहत तो मिलती है लेकिन भीड़ की वजह से वह स्थान सभी को नही मिल पाता।

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