Lakhimpur Kheri
इंडिया न्यूज़, लखीमपुर खीरी (Uttar Pradesh)। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में 22 साल पहले प्रभात गुप्ता हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। यह मामला हाईकोर्ट में काफी लंबे समय से चल रहा है। अब इस केस में एक नया पेंच फंस गया है। इस मामले में 21 दिसंबर को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान यह तथ्य निकल कर सामने आया कि याचिकाकर्ता और मृतक के पिता संतोष गुप्ता ने पुनिरीक्षण याचिका दायर की थी। जिनकी मृत्यू साल 2005 में हो चुकी है।
हाईकोर्ट ने बेटे को प्रार्थना पत्र दाखिल करने का समय दिया
संतोष गुप्ता की मौत के बाद उनके बेटे को इस मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया। यह मामला सामने आने के बाद लखीमपुर खीरी हाईकोर्ट ने कानूनी वारिस को प्रार्थना पत्र दाखिल करने के लिए समय दिया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई अगले साल जनवरी के तीसरे हफ्ते में होगी।
न्यायधीशों की बेंच ने माना अभी और सुनवाई की ज़रुरत
बता दें कि नौ नवंबर 2022 को न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल की बेंच ने मामले की सुनवाई की थी। सुनवाई पूरी करते हुए बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में फैसला लिखवाते वक्त न्यायधीशों ने यह पाया था कि उन्हें इस मामले अब भी कुछ बिंदुओं पर काम करने की ज़रुरत है। लिहाज़ा बेंच ने इस मामले की सुनवाई 21 दिसंबर के लिए तय की थी।
यूपी सरकार ने अदासत के फैसले को दी थी चुनौती
दरअसल, साल 2000 में लखीमपुर खीरी में प्रभात गुप्ता नामक एक युवक की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अजय मिश्र टेनी समेत कई अन्य शामिल थे। इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान सबूतों के अभाव में इन सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया था। यह सुनवाई साल 2004 में की गई थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2004 में ही निचली अदासत के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
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