Lakhimpur Kheri
इंडिया न्यूज, लखीमपुर खीरी (Uttar Pradesh) । करीब एक माह से आतंक का पर्याय बनी बाघिन को आखिरकार मंगलवार सुबह पकड़ लिया गया। सुबह 8 बजे उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। उसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से पिंजरे में बंदकर वन विभाग के कार्यालय ले जाया गया। यहां पर उसकी जांच होगी। जांच में यदि स्वस्थ्य निकली तो उसे दुधवा जंगल में छोड़ा जाएगा। बता दें कि बाघिन ने 14 साल के बच्चे को निवाला बना लिया था। उसकी उम्र साढ़े तीन साल बताई गई है।
इलाके में मचा रखी थी दहशत
यह पूरा मामला पलिया के नगला गांव का है। बाघिन ने निबुआबोझ गांव के रहने वाले आविद अली के बेटे जसीम को मार दिया था। इसके बाद बाघिन को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगी थी। लेकिन वह चकमा देकर निकल जाती थी। मंगलवार को बाघिन ने एक गाय पर हमला किया, लेकिन वह बच गई। इसके बाद ग्रामीण एकजुट हो गए और हांका लगाया। इस पर बाघिन रामेश्वर तिवारी के गन्ने के खेत में घुस गई। ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। जिस पर वनकर्मियों ने हाथी की मदद से कांबिंग की और गन्ने के खेत में घेर लिया।
इसके बाद टेंकुलाइज टीम के डॉक्टर दया ने उसे डाट मारी जो उसे लग गई। करीब एक घंटे के इंतजार करने के बाद जब बाघिन ने कोई हरकत नहीं की तो उस पर जाल डालकर पकड़ लिया गया। बफरजोन के डीडी डॉक्टर सुंदरेश ने बताया कि पकड़ी गई बाघिन की उम्र साढ़े तीन साल है। वह काफी युवा और ताकतवर है।
बाघ की जगह पर निकली बाघिन
मंगलवार को सुबह ट्रेंकुलाइज करके जिस बाघ को पकड़ने का दावा किया गया था वह जांच में बाघिन निकली। जबकि पिछले 10 नवंबर से वन विभाग उसे बाघ बता रहा था। आज सुबह भी उसे बाघ ही बताया गया था लेकिन बेहोश करने के बाद जब उसकी जांच की गई तो वह बाघिन निकली।
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