इंडिया न्यूज, लखनऊ:
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले में योगी सरकार ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत सीएम योगी ने गाजियाबाद की पूर्व जिलाधिकारी निधि केसरवानी को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इस मामले में जांच आख्या उपलब्ध होने के बावजूद अग्रिम कार्यवाही में विलंब करने पर नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी को भी निलंबित करने के आदेश दिया है। अनुसचिव पर भी कार्रवाई होगी। सीएम आफिस के ट्विटर से यह जानकारी सार्वजनिक की गई।
आईएएस अधिकारी निधि केसरवानी वर्तमान में केंद्र सरकार में डिप्टी सेक्रेटरी नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में तैनात हैं। 2004 बैच की मणिपुर कैडर से आने वाली निधि केसरवानी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण मामले में गड़बड़ी का आरोप है। वह 21 जुलाई, 2016 को गाजियाबाद की डीएम बनी थी। आईएएस निधि केसरवानी के खिलाफ कार्रवाई अब केंद्र सरकार को करनी है। प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा है। सरकार ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश दिया है।
भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप #UPCM @myogiadityanath ने तत्कालीन जिलाधिकारी गाजियाबाद को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करने हेतु प्रकरण भारत सरकार को संदर्भित करने के आदेश दिए हैं।@UPGovt @spgoyal@navneetsehgal3 @sanjaychapps1 @74_alok pic.twitter.com/EL7riTdTPC
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 4, 2022
आरोप है कि इस घोटाले में अधिकारियों ने शुरूआत में किसानों से सस्ते रेट पर जमीन खरीद ली और फिर उसे अपने रिश्तेदारों को खरीदवाकर सरकार को कई गुना ऊंचे रेट पर बिकवा दी गई थी। मेरठ मंडल के पूर्व आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार ने गाजियाबाद के तत्कालीन जिलाधिकारी विमल कुमार शर्मा और निधि केसरवानी समेत कई अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी पाया था।
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