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Lucknow: यूपी को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए दोगुनी करनी होगी कृषि विकास दर- सीएम योगी

• LAST UPDATED : December 23, 2022

Lucknow

इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh):  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें यूपी को देश की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में आगे बढ़ाना है। कृषि विकास की दर को वर्तमान दर से दोगुना करना होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में किसान सम्मान दिवस के अवसर पर एफपीओ के उत्पादों की प्रदर्शनी का शुभारंभ एवं कृषकों, कृषि उद्यमियों व कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित एवं पुरस्कृत की।

कृषक उत्पादक संगठनों की अहम भूमिका
किसान सम्मान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। कहा कि देश की आबादी का 16 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश में है, तो 11 प्रतिशत कृषि भूमि है। यह देश में सबसे उर्वरा भूमि है। सबसे अच्छा जल संसाधन भी हमारे पास है। पूरे देश के कुल खाद्यान्न का 20 फीसदी उत्तर प्रदेश से आता है। अगर हम अपने संसाधनों का सही नियोजन कर लें तो हम इसे और आगे बढ़ा सकते हैं। इसमें कृषक उत्पादक संगठनों की भूमिका अहम होगी। सीएम ने कहा कि हम सब जानते हैं कि आजादी के तत्काल बाद चौधरी साहब ने स्पष्ट कर दिया था कि यदि भारत को दुनिया की एक ताकत के रूप में उभरना है तो देश के अंदर खेती और किसानी पर ध्यान देना होगा। भारत के विकास का मार्ग खेत और खलिहान से निकलेगा।

प्राकृतिक खेती में अच्छी उत्पाकदता
प्रदेश में प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश के अन्नदाता किसानों को नेशनल नेचुरल फामिर्ंग के रूप में खेती का एक नया कांसेप्ट दिया है। प्राकृतिक खेती का अनुभव काफी कुछ सिखाता है। इस बार मानसून देर से आया, लेकिन प्राकृतिक खेती से जुड़े अन्नदाता किसानों ने पहले से ही तैयारी की थी उनकी उत्पादकता अच्छी थी। एक एकड़ खेती में किसी किसान को फर्टिलाइजर, केमिकल और पेस्टिसाइड में 15 हजार का खर्चा आता है तो प्राकृतिक खेती में यह लागत मात्र एक हजार रुपए आती है। एक एकड़ खेती में एक किसान को 14 हजार की बचत हो सकती है। समय-समय पर हम इस कार्यक्रम से जुड़े रहेंगे तो उतनी ही अच्छी उत्पाकदता भी बनी रहती है।

सीएम योगी ने प्राकृतिक खेती को सर्टिफिकेशन से जोड़ने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि हमने इसको सर्टिफिकेशन से भी जोड़ने का कार्य किया है। प्रदेश के अंदर हर कमिश्नरी स्तर पर एक लैब की स्थापना होनी चाहिए। हर कृषि विज्ञान केंद्र में भी एक लैब की स्थापना करें, जहां पर इसके सर्टिफिकेशन की कार्यवाही हो। यहां पर हम सर्टिफाई करें कि ये जो प्रोडक्ट है वो ऑर्गेनिक है। मार्केट में इसके दाम अच्छे मिलेंगे।

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