India News UP (इंडिया न्यूज़), Lucknow: लखनऊ के मेदांता अस्पताल की सीएम योगी से शिकायत की गई है। उन्होंने पत्र लिखकर बताया कि वह एसिडिटी से परेशान थी। मेदांता में नजर आने पर डॉक्टर ने कहा कि उसके हॉर्ट का वॉल्व परिवर्तन करना पड़ेगा। इसके लिए आठ लाख रुपए खर्च किए गए, जबकि दूसरे अस्पताल में वह सिर्फ 125 रुपए की दवाई से ठीक हो गया।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित मेदांता अस्पताल के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया है कि एसिडिटी की समस्या से पीड़ित मरीजों की जान को खतरा बताते हुए मेदांता हॉस्पिटल ने आठ लाख रुपए खर्च किए और कहा कि इससे पीड़ित लोगों को नुकसान होगा। इसके बाद मरीज ने अपनी इस समस्या को दूसरे एक निजी अस्पताल के डॉक्टर को दिखाया, जहां मात्र 125 रुपये की दवाई से वह ठीक हो गया।
बीते 25 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम लिखा गया एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पत्र में सुशांत गोल्फ सिटी के रहने वाले मरीज मोहन स्वरूप भारद्वाज (45) ने बताया कि 23 मई 2024 को शाम करीब चार बजे वह चक्कर खाकर गिर गए और पसीने से लथपथ हो गए। आनन-फानन में उनके भाई और पत्नी उन्हें मेदांता अस्पताल ले गए और भर्ती करा दिया।
अस्पताल में डॉ. महिम सरन और डॉ. अवनीश (कार्डियोलोजी) ने उनकी एंजियोग्राफी और अन्य जांचें कीं। जांच के बाद उनके भाई और पत्नी से 8 लाख रुपए मांगे गए और कहा गया कि मरीज के दिल में वाल्व लगाया जाएगा। अगर 30 मिनट के अंदर पैसे का इंतजाम नहीं हुआ तो उनकी मौत हो जाएगी। उनके भाई और पत्नी के पास इतने पैसे नहीं थे। उनके पास सिर्फ 2 लाख रुपए नकद थे।
वहीं वायरल पत्र पर मेदांता हॉस्पिटल ने सफाई पेश करते हुए कहा कि मरीज ने मनगढ़ंत कहानी बनाई है। वह हॉर्ट में ब्लॉक था, लेकिन अब वह कह रहा है कि वह 125 रुपये में ठीक हो गया। हमारे पास रोगियों की एंजोग्राफी सहित सभी रिपोर्ट हैं। इसलिए उसे देख लें. दवा से उसे तुरंत राहत मिल जाएगी, लेकिन किसी बीमारी का स्थायी इलाज थोड़ा नहीं हुआ है।