लखनऊ, इंडिया न्यूज यूपी/यूके: सीएम योगी के निर्देश के बाद से यूपी भर में मदरसों का सर्वे किया जा रहा है। इसी सिलसिले में गुरुवार को सर्वे करने के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लखनऊ के नदवा मदरसा पहुंचे थे। लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने अधिकारियों को गेट पर ही रोका दिया। हालांकि बाद में टीम ने अंदर पहुंच कर सर्वे किया। बता दें कि कई जगह पर इस सर्वे का विरोध भी हो रहा है। विभिन्न मुस्लिम संगठन इसको लेकर विरोध जाहिर कर रहे हैं।
11 बिंदुओं के आधार पर किया जा रहा है सर्वे
यूपी भर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे जारी है। गुरुवार को सर्वे टीम लखनऊ के नदवा कॉलेज में पहुंची और जानकारी ली। नदवा कॉलेज देश के बड़े मदरसों में शुमार है। प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे फंडिंग समेत 11 बिंदुओं के आधार पर किया जा रहा है। सर्वे कर रही टीमों को 15 अक्तूबर तक अपना सर्वे पूरा करना है। प्रदेश के सभी जिलाधिकारी 25 अक्तूबर तक सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
‘सर्वे का खुला दिल से स्वागत’
सर्वे के दौरान एसडीएम, एबीएसए और डीएमओ मौजूद रहे। नदवा के वाईस प्रिंसिपल मौलना अब्दुल अज़ीज़ भटकली, मौलाना कमाल अख्तर नदवी, मौलाना इस्माइल भोला, एसडीएम सदर नवीन कुमार, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार और एबीएसए 11 बिंदुओं पर जानकारी ली। उलमा ने कहा हम सर्वे का खुले दिल से स्वागत करते हैं। सरकार जो जवाब चाहती है। हम उसका जवाब देने के लिए तैयार हैं।
‘सर्वे का का मकसद मदरसों का सही संख्या का पता लगाना’
गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे को लेकर बन रही भ्रम की स्थिति पर मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे को किसी भी रूप में जांच न समझा जाए। सर्वे का का मकसद मदरसों का सही संख्या का पता लगाना है, जिससे जरूरत पड़ने पर उनको सुविधाएं दी जा सकें।