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Lucknow: ग्लोबल नॉर्थ ईस्ट सस्टेनिबिलिटी इंडिया सम्मिट में असम की संस्कृति से रूबरू हुए राजधानीवासी

• LAST UPDATED : December 31, 2022

Lucknow

इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh)। यूपी की राजधानी लखनऊ में 27 दिसंबर दिन मंगलवार को भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तत्वाधान में ग्लोबल नॉर्थ ईस्ट सस्टेनिबिलिटी इंडिया सम्मिट का आयोजन हुआ। जिसमे मुख्य रूप से असम प्रांत की संस्कृति परिधान,कृषि परिवेश आदि को प्रदर्शित किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ आर्तिका तिवारी उपस्थित रहीं।

प्राग्ज्योतिषपुर आज असम के नाम से जाना जाता है
इस दौरान डॉ आर्तिका तिवारी ने कहा कि पुराने समय का प्राग्ज्योतिषपुर आज असम के नाम से जाना जाता है। वहीं, असम पूर्व की ज्योति के नाम से विख्यात है। दूसरी तरफ यह प्रदेश वन प्रदेशों, नदियों, झरनों और सुंदर पर्वतमालाओं से भरा हुआ है। यहां जितनी सुंदरता है, अब उतनी सुंदरता से इसे संवारने का कार्य मौजूदा केंद्र सरकार कर रही है। अभी हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम को कई सौगातें सौंपी हैं। जिनमें से धुबरी फूलबारी पुल, बहुस्तरीय कैंसर अस्पताल, अमृत सरोवर आदि प्रमुख हैं। वहीं, असम में वह सभी संभावनाएं मौजूद हैं, जो एक दिन देश के विकास का इंजन बन सकता है। इस वजह से यहां सरकार ने अपना ध्यान अधिक आकृष्ठ किया हुआ है।

असम, उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है जोकि अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। सम्पूर्ण राज्य का क्षेत्रफल 78,466 वर्ग किमी है। भारत-भूटान तथा भारत-बांग्लादेश की सीमा असम से कुछ भागों में जुड़ी हैं। इस राज्य के उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में नागालैंड तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम, मेघालय तथा त्रिपुरा एवं पश्चिम में पश्चिम बंगाल स्थित है। सामान्य रूप से माना जाता है कि असम नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘वो भूमि जो समतल नहीं है।’ कुछ लोगों की मान्यता है कि ‘आसाम’ संस्कृत के शब्द ‘अस्म’ अथवा ‘असमा’ से लिया है, जिसका अर्थ असमान है। कुछ विद्वानों का मानना है कि ‘असम’ शब्‍द संस्‍कृत के ‘असोमा’ शब्‍द से बना है, जिसका अर्थ है अनुपम अथवा अद्वितीय।

असम में संस्‍कृति और सभ्‍यता की समृ‍द्ध परम्परा रही
आस्ट्रिक, मंगोलियन, द्रविड़ और आर्य जैसी विभिन्‍न जातियां प्राचीन काल से इस प्रदेश की पहाड़ियों और घाटियों में समय-समय पर आकर बसीं और यहां की मिश्रित संस्‍कृति में अपना योगदान दिया। इस तरह असम में संस्‍कृति और सभ्‍यता की समृ‍द्ध परम्परा रही है। कुछ लोग इस नाम की व्युत्पत्ति ‘अहोम’ (सीमावर्ती बर्मा की एक शासक जनजाति) से भी बताते हैं।

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