Lucknow
इंडिया न्यूज,लखनऊ (Uttar Pradesh): आयकर निरीक्षक की फर्जी भर्ती में विभाग के बड़े अधिकारियों का भी हाथ होने के पुख्ता सुबूत पुलिस को मिले हैं। फर्जीवाड़े का यह सारा खेल मुख्यालय के कमरा नंबर-329 से हुआ। इसी कमरे में बैठकर मुख्य आरोपी प्रियंका ने बेरोजगारों से ठगी की। उनसे रुपये वसूले और जाली नियुक्ति पत्र दिया।
मामले की विवेचना में पुलिस कई अधिकारियों की कुंडली जुटा चुकी है। वहीं, गिरोह के कुछ सदस्य जो गैर प्रांत से ताल्लुक रखते हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। गिरोह में विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी, वकील और मीडियाकर्मी भी शामिल हैं।
आयकर निरीक्षक की फर्जी भर्ती का राज विभाग के मुख्यालय स्थित कमरा नंबर 329 में बंद है। फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद से ज्यादातर समय यह कमरा बंद रहा है। सूत्रों के अनुसार यह कमरा दो बड़े अधिकारियों के नाम से आवंटित है। इन अधिकारियों के करीबी कर्मचारी इसमें बैठते हैं। यहां किसी बाहरी का प्रवेश वर्जित है। इसके बावजूद प्रियंका मिश्रा इस कमरे में बैठकर इतना बड़ा गिरोह संचालित कर रही थी। पुलिस के मुताबिक इस कमरे से जुड़े कुछ कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
रुपये का लेनदेन भी ऑनलाइन हुआ
बेरोजगारों से नौकरी दिलाने के नाम पर 50 हजार से 15 लाख रुपये तक की वसूली की गई। इसमें से ज्यादातर रकम ऑनलाइन किस्तों में वसूली गई। इसका रिकॉर्ड भी पुलिस के हाथ लग गया है। इसकी पूरी जानकारी भी संबंधित ऑनलाइन भुगतान कंपनी से हासिल कर ली गई है, जिसके आधार पर कुछ अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं।
पिकप भवन में तैनात अधिकारी की भी अहम भूमिका
आयकर विभाग के पिकप भवन स्थित कार्यालय में तैनात अधिकारी की भूमिका भी सामने आ गई है। उनकी और मुख्य आरोपी प्रियंका के बीच हुई बातचीत का रिकॉर्ड पुलिस के हाथ लगा है। दो महीने की कॉल डिटेल में ‘श्रीवास्तव’ और प्रियंका के बीच 50 बार बातचीत हुई। यह बातचीत 2 -12 मिनट तक की है। इन दोनों के बीच बैंक खातों में लेनदेन की भी पुष्टि हुई है। पड़ताल में सामने आया कि पिकप भवन में तैनात अधिकारी ने ही प्रियंका को मुख्यालय में प्रवेश दिलाया था।
सैकड़ों लोगों से की ठगी
पुलिस की जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी प्रियंका मिश्रा ने आयकर निरीक्षक बनाने के नाम पर सिर्फ सात बेरोजगारों से ही ठगी नहीं की है, वह 100-125 लोगों को शिकार बना चुकी है। यह बात उसने कुबूल भी की है। उसके गिरोह का नेटवर्क लखनऊ से लेकर दिल्ली तक फैला है। आयकर विभाग में निरीक्षक पद पर फर्जी भर्ती का खुलासा 22 नवंबर को हुआ था। मुख्यालय प्रत्यक्ष कर भवन में खुलेआम फर्जीवाड़ा चल रहा था। कई बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र देने के लिए प्रत्यक्ष कर भवन बुलाया गया था। इसका खुलासा होते ही मुख्य आरोपी व पूर्व संविदाकर्मी प्रियंका मिश्रा सहित उसके दो सहयोगियों सूरज और लक्ष्मीनारायण चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया गया था।