Lucknow
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट इटावा लॉयन सफारी से एक बुरी खबर है। वहां शेरों का कुनबा बढ़ाने के लिये लाई गई शेरनी तेजस्विनी की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि शेरनी अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर थी। उम्र अधिक होने के कारण वह कुनबा बढ़ाने के काम भी नहीं आयी थी।
2019 में तेजस्विनी को लाया गया था इटावा लायन सफारी
इटावा लॉयन सफारी की एक शेरनी की दहाड़ हमेशा के लिये शांत हो गई। इस शेरनी का नाम तेजस्विनी था। लॉयन सफारी प्रशासन ने तेजस्विनी के शव को बरेली आईवीआरआई में पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। शेरनी तेजस्विनी कई दिनों से बीमार चल रही थी। उसे गुजरात के गिर से सितंबर 2019 में इटावा लॉयन सफारी लाया गया था। उम्मीद थी कि शेरनी यहां का कुनबा बढ़ाएगी। इसके लिये अलग-अलग नर शेरों से तेजस्विनी की मेटिंग करवाई गई थी। लेकिन सफारी प्रशासन को सफलता हाथ नहीं लगी। वह किसी शावक को जन्म नहीं दे पाई थी।
कॉफी समय से बीमार थी शेरनी तेजश्वनी
सफारी के उपनिदेशक एके सिंह ने कहा कि शेरनी तेजश्वनी की मौत से सभी दुखी हैं। उम्र पूरी होने से उसे बुढ़ापा आ गया था। उसके पिछले हिस्से के ऑर्गन फेल हो गए थे। जिससे उसकी मौत हो गई। कई दिनों से तेजस्विनी ने खान-पीना बंद कर दिया था। कमजोरी के कारण वह चल-फिर भी नहीं पाती थी। इसलिये ज्यादातर वह एक ही जगह बैठी रहती थी। लॉयन सफारी का स्टाफ उसे वहीं खाना-पानी देता था। तेजस्विनी को जब गुजरात के गिर से इटावा सफारी में लाई गई थी, उस समय उसकी उम्र 14 वर्ष थी। माना जा रहा है कि उम्र के कारण ही तेजस्विनी कभी हीट पर नहीं आई और उसने किसी भी शावक को जन्म नहीं दिया था। तेजस्विनी की मौत के बाद अब सफारी पार्क में 17 बब्बर शेर और शेरनियां बची हैं। जिसमें 8 शेर और 9 शेरनियां हैं। अब इनसे ही लॉयन सफारी में कुनबा बढ़ने की उम्मीद है।
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