India News (इंडिया न्यूज़), Abhishek Singh, Lucknow News: ISI के लिए अंडर कवर होकर सूचनाएँ इकट्ठा कर उसे देश के दुश्मनों तक पहुँचाने का काम करने वाले देश के ग़द्दार क़लीम को तो स्पेशल सेल IB और UP STF के जाइंट आपरेशन के ज़रिये गिरफ़्तार कर लिया गया है।लेकिन उससे मिल रही जानकारियों ने सुरक्षा एज़ेंसियो के होश उड़ा के रख दिए है।
सूत्रों के मुताबिक़ क़लीम ने शुरुआती पूछताछ में बताया है की वो लगातार ISI के आकाओ के सम्पर्क में था। आका से उसका मतलब है ISI के अस हैंडलर से जिसे क़लीम और इस जैसे भारत में रहने वाले मुसलमान नौजवानों को ब्रेन वाश कर दीन का वास्ता देकर जिहाद की तरफ़ मोड़ना होता है।
क़लीम अपनी रिश्तेदारी का हवाला देकर अक्सर पाकिस्तान आया जाया करता था। पूछताछ में उसने बताया कि पाकिस्तान पहुँचते ही उसे ISI के कुछ अफ़सर एयरपोर्ट से ले लिया करते थे। पहले वो उसे लेकर अपने बेस पर जातें थे। जहाँ उसे वहाँ ब्रिगेडियर रैंक के अफ़सर से मिलवाया जाता जो असल में उसका हैंडलर था। वो उसे वहाँ हिंदुस्तान में हो रहे कौम पर जुल्म की बात करते थे।
यही नही बकौल कलीम उसे हिज़बुल के कुछ प्लानिंग सेल के आतंकियों से भी मिलवाया जाता था, जो उसे बताते थे की कैसे नेट्वर्क फैलाना है। किससे बात करनी है क्या बात करनी है, फिर उसे हिज़बुल के ही अलग अलग सेल जो ब्लास्ट और स्पॉट अटैक की प्लानिंग के माहिर थे। जिन्हें उस्ताद के नाम से वहाँ पुकारा जा रहा था। जिसमें हिज़बुल के मीनार सेल जो किसी इसमारत में बम धमाका करने के माहिर है, कहाँ बम लगाना होता है, कैसे ज़्यादा तबाही हो, कैसा explosive मटीरियल इसकी जानकारी को लेकर बात की और मुलाक़ात कराई गई। इन सारी बातों से ये साफ़ हो गया है की इस मिशन में हिज़बुल की भी बड़ी भूमिका है।
क़लीम से आगे हुई पूछताछ में उसने बताया की कैसे उसके भाई तहसीन को आधुनिक हथियार इकट्ठा करने के काम पर ISI के आका ने लगाया है। क़लीम ने ये भी बताया की उसका भाई पहले से ही ISI के आका से संपर्क में है। वो पहले भी सरहद पार से हथियार मँगवाता रहा है। ISI के आका के कहने पर अलग अलग जगह पहुँचाता रहा है। जिसको लेकर उसे हथियार तस्करी के मामले में पुलिस ने पंजाब में गिरफ़्तार भी कर लिया था। क़लीम ने बताया की कुछ वक़्थ पहले ही तहसीन को ISI की तरफ़ से बहुत मोटी रक़म मिली है, जिससे उसे हथियार ख़रीदने है।
ISI की तरफ़ से ये भी हिदायत दी गयी थी की ज़्यादा बड़े हथियार नही ख़रीदने है। यानी कि राइफ़ल और रिपीटर नही, पिस्टल ऑटोमैटिक हथियार पर ज़्यादा ज़ोर दिया। वैसे हथियार जिन्हें आसानी से शर्ट और जैकिट में छुपाया जा सके।जिससे उसे लेकर भीड़ में दाखिल होकर सीधे फ़ाइरिंग शुरू करने से पहले किसी को भी शक न हो। अब इन सारी जानकारियों के बाद देश की एजेंसियाँ तहसीन की तलाश में लगी और अब उसके गिरफ़्त में आने के बाद और भी ISI की असली प्लानिंग के बारे में पता चल पायेगा।
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