India News (इंडिया न्यूज़),Lucknow News : उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में वायरल बुखार और डेंगू से हाहाकार मचा हुआ है। लखनऊ के जिला अस्पताल में इलाज के लिए बेड नहीं मिल रहा है। वहीं,मोहनलालगंज के एक गांव से लोग प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू का इलाज कराकर कर्जे में डूब गए हैं। इंडिया न्यूज़ संवाददाता अरुण चतुर्वेदी ने सिसेंडी गांव जाकर वायरल बुखार पड़ताल की।
यूपी में कोरोना संक्रमण का असर भले ही कम हो गया हो, लेकिन वायरल बुखार और डेंगू लगातार अपना कहर बरपा रहा है। कई जिलों में इन बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है। कई लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि जिला प्रशासन इन्हें डेंगू से मौत मानने से इनकार कर रहा है। मोहनलाल गंज के सिसेंडी गांवों के लोग सबसे ज्यादा वायरल बुखार से भयभीत है।
पूरे गांव में लगभग 200 से 300 लोग वायरल फीवर के चपेट में है, कई मरीज प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा कर क़र्ज़ में डूब गए हैं। गांव में रिश्तेदारों ने आना बंद कर दिया है। गांव वालों को कहना है एक महिला की मौत वायरल फीवर से हो गई। गांव के लोगों का प्रशासन और शासन से अपील है, कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम लगाई जाए जिससे इस भयभीत बीमारी से छुटकारा मिल सके।
सिसेंडी गांव के निवासी सुरेश सिंह के मुताबिक उनका पूरा परिवार वायरल बुखार की चपेट में है। दो लोगों को डेंगू हो गया था सरकारी अस्पताल में गए इलाज न मिलने से उन्हें प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ा पूरे परिवार का इलाज करा कर इस समय उनका परिवार कई लाख के कर्ज में डूब गया है। उनको सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कोई भरोसा नहीं है।
गांव के दिलीप सिंह ने बताया कि पूरे गांव में 200 से 300 लोग वायरल बुखार व डेंगू की चपेट में है, लेकिन सरकारी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव में कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। सफाई की भी कोई व्यवस्था गांव में नहीं है हर तरफ गंदगी का अंबार है। जिस वजह से वायरल फीवर का वायरस लगातार पूरे गांव में बढ़ रहा है।
मोहनलालगंज सीएससी के अधीक्षक अशोक कुमार के मुताबिक सिसेंडी गांव में वायरल बुखार की सूचना मिलने पर अस्पताल से एक डॉक्टर की टीम भेजी गई थी सभी की जांच कराई गई किसी को डेंगू नहीं निकला पर कई मरीजों का प्लेटलेट्स लगातार काम हो रहा था। जिसकी जांच कराई गई पर उन्हें डेंगू नहीं निकला वह मरीज दूसरे अस्पतालों में अपना इलाज कराने चले गए।
गांव के पास के ही पीएससी के अस्पताल में एक डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी पर कोई भी मरीज सरकारी अस्पताल में आकर अपना इलाज नहीं करना चाहता हैं। एक टीम और बनाई गई है गांव के मरीजों की जांच कराई जाएगी।
बैरहाल जो भी हो लेकिन सिसेंडी गांव में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग कई बड़े दावे कर रहा है,लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है गांव के लोगों को सरकारी अस्पतालों पर भरोसा नहीं है प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज कर रहे हैं।
जिससे प्राइवेट अस्पताल मोटी रकम खा रहे है जिसे लोग कर्ज की स्थिति में आ गए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि कब शासन और प्रशासन इस ओर ध्यान देता है, और इस गांव के लोगों को वायरल बुखार से छुटकारा मिल पाता है। राजधानी लखनऊ का जब यह हाल है तो बाकी जिलों का हाल क्या होगा।
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