इंडिया न्यूज यूपी/यूके, लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने दुष्कर्म को आरोपी को ऐतिहासिक शर्त के साथ जमानत दी है। कोर्ट ने आरोपी को रिहाई के 15 दिन के भीतर पीड़िता से शादी करने और उसकी बच्ची को स्वीकार करने की शर्त पर जमानत दी है। कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि आरोपी हर हाल में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद दुष्कर्म पीड़िता से शादी करे।
पीड़िता और उसकी पत्नी को सभी आधिकार देने का आदेश
साथ ही कहा है कि आरोपी विवाह संपन्न होने की तिथि से एक माह की अवधि के भीतर उपयुक्त अधिकारी के समक्ष इसे पंजीकृत कराए। साथ ही पीड़िता और उसकी बच्ची को बतौर पत्नी और बेटी को सभी अधिकार देगा। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश आरोपी मोनू की जमानत अर्जी पर दिया।
आरोपी पर दुष्कर्म का आऱोप
लखीमपुर-खीरी जिले के नीम गांव में आरोपी के खिलाफ पीड़िता को बहला-फुसला कर भगा ले जाने, दुष्कर्म करने समेत पॉक्सो अधिनियम के तहत आरोप हैं। पीड़िता की आयु 17 वर्ष निर्धारित की गई है। उसने बच्ची को भी जन्म दिया है।
हिंदू रीति-रिवाज के साथ विवाह करने का आदेश
हाईकोर्ट के आदेश पर बीते 10 अक्तूबर को पीड़िता अपने पिता के साथ कोर्ट में पेश हुई। दोनों ने कोर्ट के समक्ष कहा कि अगर आरोपी हिंदू रीति-रिवाज के साथ पीड़िता के साथ विवाह करे और उस विवाह को पंजीकृत कराए, तो उन्हें आरोपी को जमानत पर रिहा किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।
इन शर्तों के साथ कोर्ट ने दी जमानत
अदालत में आरोपी हर पेशी पर हाजिर होगा, कार्यवाही टलवाने की कोशिश नहीं करेगा, जमानत की अवधि में किसी भी शर्त का दुरुपयोग नहीं करेगा, किसी शर्त के दुरुपयोग पर आरोपी की संपत्ति जब्त की जा सकेगी।