India News (इंडिया न्यूज़), Maharajganj News: एक तरफ जहां बाढ़ और जलभराव से चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है। महाराजगंज जनपद में बारिश ना होने से धान की फसल सूख रही है वही किसान धान फसल को बचाने के लिए पंपिंग सेट चलाकर खेतों में पानी से सिंचाई कर रहे हैं। जिले भर में धान की फसल बचाने के लिए किसान बारिश की आस लगाए हुए हैं वही अब तक बारिश ना होने से किसान चिंतित हैं।
महाराजगंज जनपद में धान की अच्छी पैदावार होती है ऐसे में बारिश न होने से किसान को पैदावार प्रभावित होने का डर भी सता रहा है। जिले भर में कुल 174000 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल बोई गई है जबकि बारिश जून और जुलाई के मौसम में औसत से भी काफ़ी कम हुई है।
प्रदेश और देश के अधिकांश हिस्सों में जल प्रलय से हाहाकार मचा हुआ है। वही महराजगज जिले में बारिश की एक एक बूंद के लिए किसान तरस तरस रहे है। तराई के जिले महारजगंज में धान की फसल और पैदावार बहुत ही अच्छी होती है। यहां की सम्भा मंसूरी की कई बेराइटी लोगो के खाने में स्वाद को और मजेदार कर देती है। लेकिन इस बार बादलों की बेवफाई से किसान खासे चिंतित है बारिश न होने की वजह से जहां धान की फसल खेतो में सुख रही है। वही किसान धान की फसल बचाने के लिए पम्पिंगसेट का सहारा ले रहे है। किसान अभी भी बारिश की ऊमोड लगाये बैठे है।
जनपद भर में धान की कई बेराइटी सम्भा,मंसूरी, काला नमक, गोपाल भोग, कृति,गोल्डेन आदि धान कि किस्मे तैयार की जाती है। जिले भर में कुल 1लाख 74 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल बोई गई है। अगर बारिश की बात करे तो जून के महीने में मात्र 17 एमएम और जुलाई के महीने में मात्र 103 मिलीमीटर बारिश हुई है जो औसत से भी काफ़ी कम है। ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ना स्वभाविक है। किसान बारिश के इंतजार में जहां आस लगाए है वही पम्पिंग सेट के सहारे सिचाई कर धान की फसल को बचाने की जुगत में है।