इंडिया न्यूज, लखनऊ: Mahashivratri 2022 एक मार्च मंगलवार को महाशिवरात्रि है। यह विशेष दिन हैं। इस दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था। इस दिन के खास योग और मुहूर्त के चलते पितृ दोष व सर्प दोष से मुक्ति मिलेगी। महाशिव रात्रि व्रत का पालन फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इस बार यह पावन पर्व एक मार्च को है। इस साल चतुर्दशी तिथि एक मार्च को सुबह 3 :16 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी दो मार्च सुबह एक बजे तक रहेगी। उसके बाद अमावस्या तिथि लग जाएगी ।
महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है, जो साधना-सिद्धि के लिए सही योग है। इस दिन पांच ग्रहों की राशि पुनरावृत्ति भी होगी। शुभ संयोग – धनिष्ठा नक्षत्र में परिधि योग रहेगा धनिष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। प्रीति के बाद शिवयोग रहेगा। महाशिवरात्रि शिव योग में है। एक मार्च को शिव योग सुबह 11:18 बजे से शुुरू होगा और पूरे दिन रहेगा। मकर राशि में पंच ग्रही योग रहेगा। मंगल, शुक्र, बुध और शनि के साथ चंद्र हैं। कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति रहेगी राहु वृषभ में और केतु वृश्चिक राशि में रहेगा ।महाशिवरात्रि कालसर्पदोष, पितृदोष शांति का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था। इसलिए इस दिन उनके विवाह का उत्सव मनाया जाता है। भगवान शिव कल्याण करने वाले औघढ़दानी कहलाते हैं। ये शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। यह व्रत सभी वर्णो की स्त्री- पुरुष और बाल, युवा, वृद्ध के लिए मान्य है। शिवरात्रि व्रत सब पापों का शमन करने वाला है।