इंडिया न्यूज यूपी/यूके, मथुरा: वृंदावन में संतों के बीच खूनी संघर्ष का मामला सामने आया है। मोतीझील श्रीभूरी वाला आश्रम पर कब्जे को लेकर एक संत के पक्ष के लोगों ने आश्रम का मुख्य दरवाजा तोड़कर वहां मौजूदा महंत स्वामी दर्शनानंद और उनके अनुयायियों पर हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। आश्रम के संत ने बताया कि इस विवाद के चलते तीन पुलिसकर्मी आश्रम में तैनात हैं, जो कल से ही ड्यूटी अन्य जगह होने का हवाला देकर चले गए। इसके बाद से ही हमलावरों ने तांडव दिखाया। बता दें कि श्रीस्वामी भूमानंद सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित मोतीझील स्थित श्रीभूरी वाला आश्रम पर कब्जे को लेकर विवाद लंबे समय से चल रहा है।
हमले में महंत लहुलुहान
स्वामी कृष्णानंद पक्ष के लगभग दो दर्जन से अधिक लोगों ने आश्रम का दरवाजा तोड़कर आश्रम के मौजूदा महंत स्वामी दर्शनानंद और उनके अनुयायियों पर हमला कर लहूलुहान कर दिया। आश्रम के प्रांगण से लेकर कमरों तक खून बिखरा था। महिलाएं और बच्चे भय से चीख रहे थे।
घायल स्वामी गौतमानंद गिरि ने बताया कि छह अक्तूबर की रात लगभग नौ बजे से स्वामी कृष्णानंद, प्रकाशानंद, रामतीर्थ, शुकदेव, रामानंद, आत्मानंद, कृष्ण कुमार शर्मा उर्फ लड्डूगोपाल आदि आश्रम के बाहर जमा हो गए और गाली-गलौज करते हुए आश्रम से बाहर निकलने का दबाव बनाते रहे।
हाथों में लाठी-डंडे, तलवार लेकर पहुंचा
इसके बाद शुक्रवार को दोपहर 12 बजे इन लोगों की तरफ से आए 35-40 अज्ञात हमलावर जिनके हाथों में लाठी-डंडे, तलवार लेकर आए थे। आश्रम का मुख्य दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हो गए और सभी पर हमले कर बाहर धकेलने लगे। इस संघर्ष में 8-9 लोग घायल हैं। वहीं स्वामी गौतमानंद, स्वामी दर्शनानंद, राज पांडेय, प्रांशु शर्मा गंभीर घायल हैं। एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
आश्रम में पुलिस को किया गया तैनात
पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया है और बाहर से आए श्रद्धालुओं ने भय के मारे आश्रम छोड़ दिया है। हमलावार कृष्णानंद पक्ष के कुछ लोगों को पुलिस ने आश्रम में ही रोक रखा है। वहीं कुछ अज्ञात हमलावर भय का तांडव कर भाग खड़े हुए। आश्रम में पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
ट्रस्ट को कब्जे को लेकर विवाद की बात आई सामने
स्वामी कृष्णानंद ने बताया कि यह आश्रम हमारी गुरु पंरपरा का स्थान है। हमारे ताया गुरु स्वामी भूमानंद महाराज द्वारा 20-22 वर्ष पहले यह ट्रस्ट बनाया गया, जिसके वे सदस्य हैं। स्वामी दर्शनानंद द्वारा आश्रम पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है तथा मनमानी करते हैं। वे आश्रम में शरद पूर्णिमा का उत्सव मनाने आए। उन्हें आश्रम में घुसने नहीं दिया गया। 15 सदस्यीय ट्रस्ट के 13 सदस्यों द्वारा उन्हें ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया है। इसी को लेकर झगड़ा हुआ।