Meerut
इंडिया न्यूज, मेरठ (Uttar Pradesh)। मेरठ में पुलिस ने डकैती के शक में जिस शख्स को उठाया, उसने डिप्रेशन में आकर जान दे दी। मेरठ गंगानगर एफ ब्लॉक निवासी मेरठ कॉलेज के कर्मचारी फेरम सिंह राणा ने रविवार को अपने ऑफिस में फांसी लगा ली। कर्मचारी के परिजनों का आरोप है कि 6 दिन पहले अमर विहार में सपा नेता के घर जो डकैती पड़ी थी, पुलिस ने उसके शक में फेरम सिंह को हिरासत में लिया था। बदनामी के डर से कर्मचारी बेहद तनाव में था, इसके चलते उसने आत्महत्या कर ली।
दबिश से ड्रिपेशन में चल रहा था फेरम सिंह
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जिस तरह फेरम सिंह को शक में उठाकर थाने में रखा, उससे वो डिप्रेशन में चल रहे थे। रविवार शाम उन्होंने फांसी लगा ली। परिजनों ने सीओ सदर देहात, एसओ का घेराव किया। परिजनों ने बताया कि फेरम सिंह दोपहर को ही घर से निकल गया। दिनभर कहीं घूमते रहे। फिर शाम अम्हेडा रोड स्थित वह अपने प्रॉपर्टी डीलिंग कार्यालय पर पहुंचे। यहीं फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।पुलिस ने जिस तरह निर्दोष फेरम सिंह को केवल शक की बिनाह पर उठाया। उठाकर तीन दिन थाने में भी रखा। जबकि वो निर्दोष थे। इसी बात से फेरम सिंह तनाव में था। पुलिस कस्टडी से घर वापस आने के बाद भी फेरम सिंह ने खाना नहीं खाया। न ठीक से सो रहा था। बदनामी के डर से ही रविवार को उसने दफ्तर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
शक के आधार पर पुलिस ने उठाया था
पुलिस अधिकारियों की मानें तो मृतक की गाड़ी उसी जगह खड़ी थी जहां लुटेरों की गाड़ी खड़ी थी। शक के आधार पर उन्हें उठाया गया था। लेकिन बाद में किसी महिला से अवैध संबंध होने की पुष्टि हुई थी। माना जा रहा है कि यही बात उनके घर तक पहुंच गई और घरवालों की निगाहों में जलालत के डर से उन्होंने सुसाइड कर लिया। हालांकि पुलिस मृतक का पोस्टमार्टम करा रही है पोस्टमार्टम के बाद शायद और भी कई राज से पर्दा उठ सकेगा।
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