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Meerut News: इंटरनेशनल गोवंश तस्कर अकबर बंजारा की 2.5 करोड़ की संपत्ति पर लगा सरकारी ताला

• LAST UPDATED : November 4, 2022

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इंडिया न्यूज, मेरठ (Uttar Pradesh) । मेरठ जिले के रहने वाले इंटरनेशनल गोवंश तस्कर अकबर बंजारा और सलमान 19 अप्रैल 2022 को असम में हुए एनकाउंटर में मारे गए। अकबर बंजारा पर असम में दो लाख रुपए का इनाम घोषित हुआ था। शुक्रवार को मेरठ पुलिस ने बंजारा परिवार की परतापुर क्षेत्र में 2.5 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति को जब्त कर लिया।

एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि अवैध संपत्ति में मकान और जमीन है, जो सलमान के नाम है। इससे पहले पुलिस ने एक सप्ताह पहले शुक्रवार को बहसूमा क्षेत्र में 19.4 करोड़ रुपये की जमीन और बाग, घर को जब्त किया था। गैंगस्टर एक्ट में पुलिस ने मेरठ के फलावदा थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना में अवैध संपत्ति होना पाया। शुरुआत में जांच में आया कि इंटरनेशनल गोतस्करों ने अलग-अलग जगहों पर करीब 300 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की। अन्य संपत्ति की अभी जांच चल रही है।

13 अप्रैल को मेरठ पुलिस ने अरेस्ट किया

13 अप्रैल 2022 को मेरठ में फलावदा पुलिस और एसओजी ने अकबर बंजारा सहित तीनों भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। असम पुलिस ने मेरठ पुलिस को 14 अप्रैल को दो लाख का इनाम दिया और कोर्ट से बी वारंट पर अकबर बंजारा, इसके भाई सलमान को जेल से कोर्ट के आदेश पर असम के कोकराझार ले गई। 19 अप्रैल को असम में अकबर बंजारा और सलमान एनकाउंटर में मारे गए।

पशु मेले से लेकर अंतरराष्ट्रीय तस्करी तक

मेरठ के फलावदा निवासी हाजी पीरू बंजारा (72 साल) की पिछले तीन दशक से मेरठ और आस-पास के कस्बों में लगने वाली पशु मेले से पशु खरीदते और मुनाफा में बेच देते। पीरू के चार बेटे थे, जिनमें अकबर बंजारा (41 साल) सबसे बड़ा था। 2010 तक एक कमरे के मकान में परिवार रहता था।

13 अप्रैल 2022 को अकबर सलमान और तीसरे भाई को मेरठ पुलिस ने पकड़ा। जहां कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया। 14 अप्रैल को असम पुलिस दो लाख रुपये मेरठ पुलिस को कोर्ट से बी वारंट पर अकबर और सलमान को अपने साथ ले गई। 19 अप्रैल को दोनों भाई मुठभेड़ में मारे गये।

उसके बाद पिता के व्यापार में बेटा अकबर भी हाथ बंटाने लगा और पशुओं का व्यापारी बन गया। एक साल में ही अकबर बंजारा ने अपने दोनों भाई सलमान और शमीम भी इस काम में लगा दिया।

2012 से बदल गई कहानी

धीरे-धीरे तीनों भाई गोवंश की दूसरे राज्यों में तस्करी करने लगे। साल 2012 में अकबर बंजारा असम में रवि रेड्‌डी से मिला और पशुओं की अलग-अलग राज्यों में तस्करी करने लगा। इसके बाद उनकी कहानी बदल गई। मेरठ के लिसाड़ीगेट, हापुड़ रोड, फलावदा में जमीन और मकान खरीदने के साथ असम में करोड़ों की काली कमाई अर्जित की। मौजूद समय में इस परिवार की संपत्ति 300 करोड़ रुपए बताई जा रही है। रवि रेड्डी से मुलाकात के बाद असम में दूसरा निकाह करने के साथ ही अकबर वहीं रहने लगा।

ISI से जुड़े होने के मिले थे साक्ष्य

अकबर बंजारा और सलमान के असम में हुए एनकाउंटर के बाद जांच एजेंसी भी जांच में जुटी रहीं। इसमें सामने आया कि अकबर कई राज्यों में गोवंश की तस्करी करता है। जो बांग्लादेश तक गोवंश और मीट पहुंचाता है। करोड़ों का कारोबार हवाला से होता था। इंटरनेशल गोवंश की तस्करी में ISI का भी हाथ था।

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