इंडिया न्यूज, कानपुर: Monsoon women are running the plow : यूपी के कानपुर और लखनऊ जैसे शहरों में मानसून कुछ रूठा सा नजर आ रहा है। आषाढ़ का महीना बीत गया है और सावन शुरू हो गया है। इसके बावजूद धरा बारिश की बूंदों के लिए तरस रही है।
ऐसे में अब रूठे मानसून को मनाने का सिलसिला गांवों में उपाए शुरू हो गए हैं। तरह तरह के टोटके अपनाए जा रहे हैं। कहीं खेतों पर हल लेकर महिलाएं उतर रही हैं तो कहीं दरवाजे-दरवाजे जाकर युवा और बच्चे लेदा मांग रहे हैं। इसके पीछे मंशा इंद्रदेव को प्रसन्न करने की है। ताकि बारिश की शुरूआत हो जाए।
इस बार यूपी में मानसून रूठ गया है। सात साल पहले की तरह ट्रफ रेखा के बदल जाने से यूपी में अब तक तेज बारिश नहीं हो सकी है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो मानसून की दो शाखाएं बारिश कराती हैं। एक शाखा अरब सागर से चलती है जो देश के दक्षिण में बारिश कराती है और दूसरी शाखा बंगाल की खाड़ी से उठकर यूपी में वर्षा कराती है। इस बार मानसूनी शाखा को उत्तर भारत की ओर उचित वायु दाब न मिलने से आने वाली शाखा दिशा से भटक रही है, इससे मानसून ठिठक गया है। ऐसे सूखे जैसे हालात बनने के आसार पैदा हो गए हैं। खेत में धान की पौध सूखने लगी है और खेतों को नमी न मिलने से जुताई की भी स्थिति नहीं बन रही है।
सूखे के हालात बनते देखकर कानपुर समेत आसपास के जिलों में चिंतित ग्रामीण टोटकों का सहारा ले रहे हैं। कुछ ग्रामीण महिलाएं खेतों में हल चला रही हैं तो गांवों में दरवाजे-दरवाजे लेदा मांगने की प्रथा निभाई जा रही है
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