India News (इंडिया न्यूज) UP News : उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और उमस ने बिजली निगम की तैयारियों की पोल खोल दी है। जुलाई में रोजाना लगभग 1081 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त ओवरलोडिंग, केबिल फाल्ट, तेल की कमी तथा अन्य कारणों की वजह से प्रतिदिन बड़ी आबादी को घंटों बिजली नहीं मिल पा रही है। इसी कारण पावर कॉरपोरेशन को भी रोजाना करीब 2 करोड़ रुपये की चपत लग रही है।
ट्रांसफार्मरों के फुंकने और क्षतिग्रस्त होने का प्रमुख कारण गर्मी में बिजली की मांग में लगातार बढ़ोतरी माना जा रहा है। प्रबंधन के अनुमान से भी ज्यादा इस बार यूपी में बिजली की मांग हो रही है।
गर्मी शुरू होने से पहले ही समर प्लान के तहत ट्रांसफार्मरों की लोड क्षमता की जांच व क्षमतावृद्धि और अन्य उपकरणों का रखरखाव नहीं किए जाने के कारण यह परेशानियां आ रही हैं। 1 से 25 जुलाई तक के जो आंकड़ें पावर कॉरपोरेशन ने दिए हैं, उसके अनुसार इन 25 दिनों में ही राज्य में 27,024 ट्रांसफार्मर जल गए थे। वहीं कॉरपोरेशन ने इनकी मरम्मत पर 47.71 करोड़ रुपये खर्च कर दिए।
ट्रांसफार्मरों के जलने की जो वजह बताई जा रही है, उसमें अकेले ओवरलोडिंग के कारण ही 10,610 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए। वहीं अनबैलेंसिंग से 2005, खराब अर्थिंग के कारण 41,एलटी केबिल के शार्ट होने से 614, तेल की कमी से 616, हाईटेंशन कनेक्शन की खराबी 914, लाइन फाल्ट होने से 3718, केबिल फाल्ट होने से 4203 और अन्य कारणों से भी ट्रांसफार्म जलें ।
पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन अब इन परेशानियों को दूर करने में जुटा हुआ है। नई व्यवस्था के तहत अब वितरण खंडों को हर माह 10 लाख रुपये रख-रखाव कार्य के लिए दिए जाएंगे। दी गई धनराशि को बचा कर आगे के महीने में प्रयोग में नहीं लिया जा सकेगा। 3 महीने बाद इस बनाई गई व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। बता दें कि इस व्यवस्था के साथ ही विद्युत वितरण कंपनियों को इस कार्य के लिए दिए जाने वाले 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है।
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