इंडिया न्यूज, लखनऊ:
MP and Governor Demands Tickets for Childrens: हर बार की तरह इस बार का यूपी विधानसभा चुनाव (UP assembly election 2022) बहुत दिलचस्प होने वाला है। चुनाव के लिए भाजपा (BJP) के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का ऐलान करने के साथ ही पार्टी में कई दिग्गज नेता अपने बेटे और बेटी के लिए बीजेपी आलाकमान से टिकट मांग रहे हैं। इन नेताओं में बीजेपी के मंत्री(Ministers), केंद्रीय मंत्री(Union Ministers), सांसद(MPs), विधायक(MLAs), पूर्व विधायक (Former MLAs) और राज्यपाल (Governors) तक अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों के लिए टिकट लेने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।
लेकिन बीजेपी आलाकमान ने संकेत दिए हैं कि वह परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देंगे। टिकट की मांग कर रहे इन नेताओं को बीजेपी ने कहा है कि जो लोग पहले से विधायक रहे हैं या चुनाव लड़ चुके हैं उन्हें टिकट दिए जा चुके हैं या दिए जाएंगे।
प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ कैंट सीट से अपने बेटे मयंक जोशी को चुनावी मैदान में उतारने के लिए आलाकमान से बेटे को टिकट देने की मांग की है। रीता इस सीट से दो बार विधायक रह चुकी हैं और अब इस सीट से अपने बेटे को विधायक बनाना चाहती हैं। सलेमपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रवींद्र कुशवाहा अपने छोटे भाई जयनाथ कुशवाहा को भाटपाररानी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने के लिए दावेदारी कर रहे हैं।
वहीं, कानपुर नगर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी अपने बेटे अनूप पचौरी के लिए कानपुर की गोविंदनगर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं। ब्राह्मण बहुल इस सीट पर सत्यदेव पचौरी दो बार विधायक रहे हैं, लेकिन 2019 में उनके सांसद बनने के बाद सुरेंद्र मैथानी बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते और विधायक बने हैं। लेकिन अब सत्यदेव अपने बेटे को गोविंदनगर सीट से चुनावी मैदान में उतारना चाहते हैं।
लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सांसद व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी मलिहाबाद से बीजेपी की विधायक हैं। लेकिन इस बार कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर मलिहाबाद और दूसरे बेटे प्रभात किशोर सीतापुर की सिधौली सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। आगरा से सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल की पत्नी टूंडला से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। एसपी बघेल खुद टूंडला से विधायक रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद हैं और उनके बड़े बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक हैं और दूसरी बार पार्टी ने फिर से उनको टिकट दिया है। राजनाथ सिंह के छोटे बेटे नीरज सिंह भी लखनऊ कैंट और उत्तरी विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं।
चुनाव में टिकट मांगने में सांसद व केंद्रीय मंत्रियों के अलावा योगी कैबिनेट के कई मंत्री भी अपने बेटे-बेटियों के टिकट की कतार में हैं। यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की पथरदेवा सीट से उनके बेटे सुब्रत शाही दावेदारी पेश कर रहे हैं, अभी सुब्रत ब्लॉक प्रमुख हैं। सूर्य प्रताप शाही के बेटे को पथरदेवा से टिकट मिलता है तो वो देवरिया सदर से चुनाव लड़ने की जुगत में है।
योगी सरकार में सहकारिता मंत्री और ओबीसी चेहरा माने जाने वाले मुकुट बिहारी वर्मा की उम्र 76 वर्ष हो गई हैं, लेकिन अभी भी वह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और अपने बेटे गौरव के लिए कैसरगंज सीट से टिकट दिलाना चाहते हैं। उनकी कोशिश है कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो उनके बेटे को टिकट दें। लखनऊ मध्य सीट से विधायक और योगी सरकार में मंत्री बृजेश पाठक भी अपनी पत्नी के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं।
योगी सरकार में वित्त मंत्री रहे राजेश अग्रवाल ने 75 वर्ष की आयु के चलते मंत्री पद छोड़ दिया था। लेकिन अब वो बरेली कैंट सीट से अपने बेटे आशीष अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने दावेदारी भी कर रखी है।
रुद्रपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और मंत्री जयप्रकाश निषाद भी अपने बेटे को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन निषाद पार्टी भी इस सीट की मांग कर रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के बेटे दिलीप दीक्षित उन्नाव की पुरवा सीट से टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस सीट पर बसपा के बागी अनिल सिंह विधायक हैं और वो बीजेपी के साथ आ गए हैं।
दो राज्यों के राज्यपाल भी अपने बेटों को चुनाव लड़ाने की पूरी तैयारी में हैं। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के बेटे रामविलास चौहान ने मधुबन विधानसभा सीट से टिकट की मांग की है। बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान इस सीट से विधायक थे। लेकिन इसी सीट पर बीजेपी नेता रामजी सिंह के पुत्र अरिजीत सिंह ने भी टिकट की दावेदारी की है।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा के बेटे अमित मिश्रा देवरिया सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कलराज मिश्रा देवरिया से सांसद रह चुके हैं और अब उनके बेटे भी इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं।
Read More: Chandrashekhar Azad will Fight Alone : समाजवादी पार्टी से नहीं बात, आजाद लड़ेंगे अकेले चुनाव