India News UP (इंडिया न्यूज), Nirjala Ekadashi: साल में एकमात्र निर्जला एकादशी ऐसा व्रत है जो सभी एकादशी करने के समान फल देता है, इसके फलस्वरूप धन, लंबी उम्र, मोक्ष मिलता है. जानें 2024 में निर्जला एकादशी की तारीख, मुहूर्त।
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी जो की सभी एकादशी में प्रमुख मानी जाती है वह ना केवल लाभदायी अपितु सर्वाधिक फलपूर्ण भी है। यह सबसे कठिन उन कुछ व्रत्रों में से है जिसमें अन्न के साथ-साथ जल का भी त्याग करना अनिवार्य है। व्रत के दौरान जल की एक बूंद ग्रहण करना भी है अवरुद्ध।
पौराणिक कथा के अनुसार मोक्ष प्राप्ति की कामना से महाभारत के बलशाली योद्धा भीमने भी यह व्रत रखा था।दस हजार हाथियों के समान ताकत रखने वाले भीम बेहद ताकतवर थे लेकिन उनसे भूख बर्दाश्त नहीं होती थी, महर्षि वेद व्यास जी ने उन्हें एकादशी व्रत करने को कहा लेकिन हर महीने दो एकादशी पर अन्न का त्याग करना उनके लिए मुश्किल था।
ऐसे में ऋषिवर ने उन्हें सालभर की सभी एकादशीका फल देने वाली निर्जला एकादशी का व्रत करने को कहा, लेकिन इसमें अन्न-जल दोनों ग्रहण नहीं कर सकते थे। भीम ने साल में सभी एकादशी व्रत की अपेक्षा निर्जला एकादशी व्रत करने का विचार किया, जिसके प्रताप से उनके सारे पाप धुल गए, समस्त सुख मिला, तभी से इसे भीमसेनी एकादशी कहा जाता है।
निर्जला एकादशी इसलिए खास है क्योंकि इस दिन पानी नहीं पिया जाता है। ज्येष्ठ महीने में दिन बड़े और ज्यादा गर्मीवाले होते हैं, इसलिए प्यास लगती ही है। ऐसे में खुद पर काबू रखना और पानी नहीं पीना, तपस्या करने जैसा काम है। इस दिन उपवास करने से धन-धान्य, पुत्र और आरोग्यता और उम्र बढ़ती है।