इंडिया न्यूज, प्रयागराज (Uttar Pradesh)। मानव तस्करी की आशंका पर आरपीएफ व जीआरपी ने प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर न्यू जलपाईगुड़ी से दिल्ली जा रही महानंदा एक्सप्रेस से 21 बच्चों को उतारा। सभी बच्चे पश्चिम बंगाल व बिहार के रहने वाले हैं। बच्चों का बयान दर्ज करने पहुंचे बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने बताया कि 21 में से 15 बच्चों को फतेहपुर के मोहम्मद गौती स्थित जामिया मदरसा ले जाया जा रहा था। साथ ही जंक्शन पर नमाज पढ़ने का वीडियो भी वायरल हुआ है।
कैलाश सत्यार्थी की बचपन बचाओ आंदोलन द्वारा रेलवे पुलिस को सूचना मिली कि मानव तस्करी के लिए महानंदा एक्सप्रेस से 21 बच्चों को ले जाया जा रहा है। पुलिस ने प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर न्यू जलपाईगुड़ी से दिल्ली जा रही महानंदा एक्सप्रेस की जनरल बोगी से इन सभी बच्चों को उतारा। यह सभी बच्चे खुद को मदरसा उस्ताद बता रहे सीतापुर के रहने वाले अब्दुल रब और बिहार निवासी मो. वासिल के संरक्षण में जा रहे थे। पता चला है कि 15 बच्चे मदरसा तालीम के लिए और 6 अन्य बच्चों को दिल्ली मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था।
अब्दुल रब का कहना है कि वह मदरसे का उस्ताद है और परिजनों की इजाजत मिलने के बाद ही वह बच्चों को तालीम के लिए ले जा रहा था। मो. वासिल का कहना है कि वह खुद फतेहपुर मदरसे से तालीम हासिल कर चुका है और अपने तीन छोटे भाइयों को मदरसा छोड़ने जा रहा था। बच्चों को ट्रेन से उतारने के बाद प्लेटफार्म नंबर एक स्थित वेटिंग रूम ले जाया गया। जहां पूछताछ के दौरान ही मदरसे का उस्ताद अब्दुल रब अपने छात्रों केसाथ शाम केसमय नमाज अदा करने लगा। नमाज अदा करने केबाद उसने कहा कि उसे सुबह 11 बजे से यहां पर बैठाया गया है।
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