India News (इंडिया न्यूज़), Pilibhit News : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के सेहरामऊ उत्तरी थाना की गढ़वा खेड़ा चौकी के चौकी प्रभारी को संरक्षित पशुओं की हत्या के मामले में पकड़े गए, पांच आरोपियों को सांठगांठ कर छोड़ना उसे उस वक्त महंगा पड़ गया। जब तमाम हिंदू संगठनों ने गड्ढे में दबाये गए पशुओं के अवशेषों को निकाल कर चौकी इंचार्ज के खिलाफ़ नारेबाजी कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
मौके पर पहुंचे सीओ ने कार्यवाही का आश्वासन देकर मामला शांत कर दिया, लेकिन मामला तूल पकड़ता गया, और जब एसपी तक पहुंचा तो उन्होंने चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं पूरे मामले की जांच सीओ पूरनपुर को सौंपी गई है। एसपी ने जांच पूरी होने के बाद सभी दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की बात कही है।
दरअसल पीलीभीत की सेहरामऊ उत्तरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली गड़वा खेड़ा चौकी पुलिस ने तीन दिन पहले क्षेत्र के धनेरा गांव में दबिश देकर संरक्षित पशुओं के अवशेषों के साथ पांच आरोपियों को पशु हत्या मामले में गिरफ्तार किया था।
आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों से साठ गांठ कर पशुओं के अवशेष को चौकी के पास ही गड्ढा खुदवा कर दफन कर दिया, और आरोपियों को चरस बरामदगी दिखाकर छोड़ दिया। मामले की जानकारी जब बजरंग दल और हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने अवशेषों को गड्ढे से निकलवा कर वीडियो बना लिया और चौकी के बाहर जाकर चौकी इंचार्ज के खिलाफ नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करने लगे।
मामले को बढ़ता देख को पूरनपुर मौके पर पहुंचे और उन्होंने कार्यवाही का अशासन देते हुए मामला शांत कर दिया। लेकिन हिंदू संगठन के नेता फिर भी नहीं माने तो एसपी अनिल यादव ने रविवार को गढ़वा खेड़ा चौकी पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल शुरू की।
और चौकी इंचार्ज को देर रात तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। और मामले की जांच को पूरनपुर को सौंप दी गई है। एसपी के अनुसार जांच पूरी होने पर अगर दोषी पाए गए,तो सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
ये भी पढ़े: