इंडिया न्यूज, प्रतापगढ़:Plenty of gooseberry production in Pratapgarh : प्रतापगढ़ में इस साल पेड़ आंवले से लदे हुए हैं। जबरदस्त पैदावार हुई है। इस कारण बागवानों में उत्साह की लहर है। माना जा रहा है कि गत वर्ष का घाटा इस वर्ष कवर हो जाएगा। कई बड़ी कंपनियों ने किसानों का आंवला खरीदने के लिए अभी से जिले में डेरा डाल दिया है।
प्रतापगढ़ जनपद में सात हजार 51 हेक्टेयर में आंवले के बाग हैं। पिछले साल 51 हजार 132 मीट्रिक टन आंवला का उत्पादन हुआ था। इस बार किसानों की मानें तो आंवला का रिकार्ड तोड़ उत्पादन होगा।
आंवले से कैंडी, बर्फी, लड्डू, जूस, मुरब्बा, चूरन आदि उत्पाद तैयार होता है। बागवानों का का कहना है कि इस बार आंवले की पैदावार अच्छी हुई है। मांग अधिक होने से दाम अच्छे मिलने के आसार हैं।
प्रतापगढ़ में बड़े पैमाने पर आंवले की खेती होती थी। किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाने से वह आंवले की बाग काटकर खेती करने लगे। एक जनपद-एक उत्पाद योजना से किसानों को राहत मिली। यहां पर लक्ष्मी-52, एन-7, एक-10, चकला, फ्रांसी, बनारसी आदि किस्म के आंवले का उत्पादन होता है।
मौसम परिवर्तन के कारण पिछले वर्ष आंवले के फल समय से पहले गिरने लगे थे। इस साल मौसम अच्छा होने की वजह से फल नहीं गिर रहे हैं। फलन अधिक होने से उत्पादन भी बढ़ने के आसार हैं। इससे उम्मीद है कि पिछले नुकसान की भरपाई होगी।
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