इंडिया न्यूज, वाराणसी:
PM Modi Reached Swarved Mahamandir Dham: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय काशी दौरे के आखिरी दिन मंगलवार को सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान के 98वें वार्षिकोत्सव और 5101 कुंडीय विश्व शांति वैदिक महायज्ञ कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम ने यहां मौजूद जनसभा को करते हुए कहा है कि हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहां जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है। ये भारत ही है जिसकी आजादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है।
पीएम ने आगे कहा कि हमारी सभ्यता के ये शहर पूरे विश्व को दिशा दिखा सकते हैं। बनारस के विकास की बात करते हैं तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप बन जाता है। देश भर के अलग-अलग कोने से आए हुए लोग जब काशी से वापस जाएंगे तो यहां के अनुभव, विचार और आशीर्वाद सहित न जाने क्या कुछ लेकर जाएंगे। काशी की ऊर्जा अक्षुण्य तो है ही… यह हर दिन नया विस्तार भी लेती है। आज ही गीता जयंती भी है। आज ही के दिन धरती को भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया था। देश की जनता को गीता जयंती की बधाई है।
पीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज परिस्थिति बदल रही है। जब देश-दुनिया से लोग काशी आते हैं, तो उन्हें सब कुछ बदला-बदला सा लगता है। एयरपोर्ट से शहर पहुंचने में कम समय लगता है। रिंग रोड का काम रिकॉर्ड टाइम में पूरा हुआ, बनारस की ओर आने वाली अन्य सड़कें भी चौड़ी हो गई हैं। बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने का काम जारी है, साथ ही सीवेज ट्रीटमेंट के लिए भी काम जारी है।
गंगा के घाटों का सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप ही विकास हुआ है। बनारस एक बड़े मेडिकल हब के तौर पर उभर रहा है। कल रात 12 से 12:30 बजे के बाद मुझे मौका मिला तो मैं अपनी काशी और उसके विकास कार्यों को देखने निकल पड़ा। गोदौलिया और बनारस रेलवे स्टेशन में विकास कार्य देखने को मिले, यहां 2015 से अब पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है। कोरोना काल में बाबतपुर एयरपोर्ट से 30 लाख लोग आए-गए।
पीएम ने देश को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कहा कि स्वाधीनता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें स्वदेशी का मंत्र दिया था। आज उसी भाव में देश ने अब आत्मनिर्भर भारत मिशन शुरू किया है। आज देश के स्थानीय व्यापार-रोजगार को, उत्पादों को ताकत दी जा रही है। लोकल को ग्लोबल बनाया जा रहा है। पुरातन को समेटे हुए नवीनता को धारण करना, बनारस देश को नई दिशा दे रहा है।
मैं जब काशी आता हूं या दिल्ली में भी रहता हूं, तो प्रयास हूं कि बनारस के विकास कार्यों को गति देता रहूं। मैं सद्गुरु सदाफल देव जी को नमन करता हूं। उनकी आध्यात्मिक उपस्थिति को प्रणाम करता हूं। पीएम ने स्वर्वेद महामंदिर धाम में सद्गुरु सदाफलदेव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
बनारस में बना यह 7 मंजिला विशाल स्वर्वेद महामंदिर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लगभग 35 करोड़ की ज्यादा की लागत से 64 हजार स्कवायर फीट में मंदिर का निमार्ण किया गया है। स्वर्वेद मंदिर 180 फीट ऊंचा है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर है। यहां के अनुयायी भारत के करीब सभी राज्यों एवं विदेशों में भी हैं। इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे हुए हैं। मंदिर में कमल के आकार का गुंबद है। स्वर्वेद महामंदिर धाम में मई 2017 में 21 हजार कुंडीय स्वर्वेद उत्तरार्द्ध ज्ञान महायज्ञ का आयोजन हुआ था, जिसे इतिहास के सबसे विशालतम यज्ञ की संज्ञा दी गई।
स्वर्वेद महामंदिर में एक साथ करीब 20 हजार लोग योग कर सकते हैं। इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन किया जाता है। मंदिर का नाम है स्वर्वेद, जो दो शब्दों से मिलकर बना है स्व: और वेद। स्व: का एक अर्थ है आत्मा और वेद का अर्थ है ज्ञान। इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा के बजाय मेडिटेशन किया जाता है।