इंडिया न्यूज, चंडीगढ़:
आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार द्वारा निजी बिजली कंपनियों के साथ घातक और महंगे बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को रद करने को लेकर शुरू की गई प्रक्रिया को देर से मगर सही फैसला बताते हुए इसे पार्टी का बिजली आंदोलन तथा लोगों की शुरुआती जीत करार दिया। पार्टी कार्यालय से जारी एक संयुक्त बयान में विधायक अमन अरोड़ा तथा गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि जनता के दबाव के आगे झुकते हुए प्रदेश सरकार ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि निजी बिजली कंपनियों के साथ शिअद द्वारा किए गए बिजली समझौते पूरी तरह से गलत, एकतरफा और घातक हैं, जिन्हें अब रद करने की प्रक्रिया चल रही है। बेहतर होता कि सत्तारूढ़ कांग्रेस 2017 में अपने चुनावी वादे के अनुरूप सरकार बनते ही यह कदम उठाती और समझौतों को रद करती। अमन अरोड़ा ने कहा कि अगर सरकार ने चार साल पहले समझौते रद्द कर दिए होते, तो राज्य और लोगों पर अरबों रुपए का अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़ता।