India News (इंडिया न्यूज़), Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस चौकी पर 32 साल से अवैध कब्जा खाली करने का निर्देश दिया जिलाधिकारी आगरा से रिपोर्ट तलब किया। हाईकोर्ट ने 10 अक्टूबर को सूर्योदय से सूर्यास्त तक कब्जा खाली करने का पुलिस कमिश्नर को दिया आदेश ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1988 से बिना किराया दिये कब्जा जमाए बैठी पुलिस को आगरा के हरिपर्वत थाने की खंडारी पुलिस चौकी को खाली कर याची संपत्ति मालिक को कब्जा सौंपने का निर्देश दिया है।
14 नवंबर 91 को अधीनस्थ अदालत ने याची के पक्ष में बिक्री दी और संपत्ति का कब्जा सौंपने का आदेश दिया था। बलपूर्वक कब्जा जमाये बैठी पुलिस को बेदखल कर कब्जा दिलाने की मांग में याची ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। जिसे स्वीकार कर हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी व पुलिस कमिश्नर आगरा को संपत्ति का कब्जा याची को सौंपने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जेO जेO मुनीर ने डाक्टर वी के गुप्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर याची अधिवक्ता स्वप्निल कुमार ने बहस की ।इनका कहना था कि याची के पिता ने अपना दो कमरे का मकान पुलिस को 15 रूपये महीना किराये पर दिया।
किन्तु पुलिस ने कुछ ही समय में किराया देना बंद कर दिया, और मकान ध्वस्त कर निर्माण करने लगे। तो याची के पिता जो अधिवक्ता थे, ने बेदखली वाद दायर किया। कोर्ट ने 14 नवंबर 91 को बेदखली आदेश जारी किया।
पालन न होने पर निष्पादन अदालत की कार्यवाही शुरू हुई। अदालत ने कोर्ट अमीन भेजा। रिपोर्ट दी कि जब तक आईजी का आदेश नहीं आता पुलिस चौकी खाली नहीं होगी।याची का कहना था कि बलपूर्वक पुलिस द्वारा उसके मकान पर कब्जा अनुच्छेद 21व 300ए के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने संपत्ति का स्वामी होने का दावा किया। दूसरी तरफ याची के हक में अदालत की डिक्री है। जिसका पालन नहीं किया जा रहा था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की आलोचना की कहा सशस्त्र बल के जरिए अवैध कब्जा करना सही नहीं है। जिलाधिकारी सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इसलिए वह, पुलिस कमिश्नर, एसएचओ व चौकी इंचार्ज सहित पुलिस कांस्टेबल संपत्ति का कब्जा वापस करे।हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी व पुलिस कमिश्नर आगरा सहित पुलिस अधिकारियों को हरि पर्वत थाने की पुलिस चौकी खंडारी रोड का कब्जा 10 अक्टूबर को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक याची को सौंपने का निर्देश दिया है और जिलाधिकारी से कब्जा सौंपने की रिपोर्ट 12 अक्टूबर तक हाईकोर्ट के महानिबंधक को भेजने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कब्जा सौंपने की कार्यवाही के दौरान कोर्ट अमीन मौके की कार्यवाही रिपोर्ट निष्पादन अदालत में पेश करें ताकि कार्यवाही तदनुसार तय हो सके।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि विवादित संपत्ति के स्वामित्व को लेकर दाखिल वाद तय होने तक याची संपत्ति की प्रकृति में बदलाव नहीं करेगा । केवल मरम्मत करा सकेगा और संपत्ति तीसरे पक्ष को नहीं बचेगा।
यदि स्वामित्व बा द में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला आया है, तो याची संपत्ति का कब्जा वापस कर देगा ।