Prayagraj
इंडिया न्यूज, प्रयागराज (Uttar Pradesh) । यात्री गण कृपया ध्यान दें, गाड़ी संख्या 13007 तूफान एक्सप्रेस कुछ ही देर में प्लेटफॉर्म संख्या फलां पर आने वाली है। प्रयागराज समेत तमाम रेलवे स्टेशनों पर नौ दशकों से गूंज रही यह आवाज अब नहीं सुनने को मिलेगी। रेलवे ने प्रयागराज के रास्ते हावड़ा से राजस्थान के श्रीगंगानगर को जाने वाली उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस को स्थायी रूप से बंद कर दिया है।
रेलवे की बीते माह लागू हुई नई समय सारिणी में इस ट्रेन को स्थान नहीं दिया गया है। देश आजाद होने के पहले तूफान एक्सप्रेस ब्रिटिश हुकूमत के समय पहली बार 1930 को चलाई गई थी।
लंबी दूरी की ट्रेन तूफान एक्सप्रेस की कहानी अब इतिहास के पन्नों तक सिमट कर रह गई है। कभी ये ट्रेन देश की सबसे लंबी दूरी की प्रमुख ट्रेनों में शामिल थी। हावड़ा से चलने के बाद ट्रेन 45.25 घंटे में श्रीगंगानगर की दूरी तय करती थी। लंबी दूरी की ट्रेन होने के बाद भी इसमें सवार होने वाले अधिकतर यात्री स्थानीय ही होते थे। एक समय तूफान सुपरफास्ट श्रेणी की ट्रेन में शामिल थी। यह आठ राज्य पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब होकर राजस्थान तक जाती थी। कोरोना की पहली लहर के दौरान लगे लकडाउन में ही तुफान निरस्त चल रही थी, तब से अब तक इसे चलाए जाने की घोषणा नहीं की गई।
अमर रहेगा इस ट्रेन का नाम
फिलहाल रेलवे विभाग का कहना है कि दस बीस सालों में इतनी ज्यादा ट्रेनें चल चुकी है और कई ट्रेनों में कोच बढ़ाए गए हैं और साथ ही उनके रुकने के स्टेशन को भी बढ़ाया गया है। जिससे किसी ट्रेन के बंद हो जाने से या निरस्त होने से आम यात्रियों पर इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा बल्कि रेलवे प्रतिबद्ध है कि यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा देता रहे। किसी जमाने में चंद महत्वपूर्ण गाड़ियों में शुमार तूफान एक्सप्रेस अब थम चुकी है। अब कभी स्टेशनों पर तूफान मेल का नाम नहीं सुनाई पड़ेगा। हां लेकिन रेलवे के इतिहास में इस ट्रेन का नाम अपने आप में अमर रहेगा ऐसा कहा जा सकता है।
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