Mainpuri
इंडिया न्यूज, मैनपुरी (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश में हुए उपचुनाव के लिए सभी मतगणना केंन्द्रों तैयारी पूरी कर ली गई हैं। मैनपुरी में हुए लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने कृषि उत्पादन मंडी समिति में मतगणना तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव की मतगणना को निष्पक्ष और पारदर्शी कराने के लिए मुकम्मल व्यवस्था पूरी कर ली गई है। मतगणना की वीडियो रिकार्डिंग कराई जाएगी।
बिना पास के नहीं होगी एंट्री
जिला निर्वाचन अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने बताया कि 8 दिसंबर को सुबह 8 बजे से कृषि उत्पादन मंडी समिति में मतगणना शुरू होगी। स्ट्रांग रूम खुलने के बाद ईवीएम विधानसभा वार सुरक्षा घेरे में गणना पंडाल में पहुंचेंगी। जहां गणना शुरू होगी। मतगणना स्थल पर किसी भी प्रत्याशी, गणना अभिकर्ता, गणनाकर्मी को मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होगी। बिना पास धारक व्यक्ति गणना स्थल में प्रवेश नहीं कर सकेगा। यदि किसी गणना अभिकर्ता को कोई कठिनाई हो तो वह आरओ टेबिल पर उपलब्ध गणना अभिकर्ता के माध्यम से आरओ को बताएं। समस्या का समाधान तत्काल होगा।
मतगणना स्थल पर ये होगी व्यवस्था
उन्होंने कहा कि विधानसभा मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल के गणना एजेंट स्टेडियम में वाहनों की पार्किंग करने के बाद गेट नंबर तीन से प्रवेश करेंगे। सभी गणना अभिकर्ता सुबह छह बजे मतगणना केंद्र पर पहुंचें। गणना कार्मिक, अधिकारी, पत्रकार गेट नंबर एक से प्रवेश करेगें। उनके वाहन गेट नंबर एक के पास प्लेटफार्म पर खड़े होंगे। कोई भी मतगणना एजेंट, प्रत्याशी वाहन सड़क पर खड़े नहीं करेगा।
उपचुनाव पर पूरे देशभर की टिकी है निगाहें
यूपी के मैनपुरी, रामपुर और खतौली में उपचुनाव पर पूरे देशभर की निगाहें टिकी हैं। पॉलिटिकल पंडित तीनों सीटों को नाक की लड़ाई बता रहे। इन तीनों सीटों पर उपचुनाव की जितनी दिलचस्प लड़ाई है, उससे भी दिलचस्प है तीनों सीटों का इतिहास। मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी सियासत खासकर मुलायम परिवार का गढ़ मानी जाती है। भाजपा आज तक यहां से जीत दर्ज नहीं कर पाई है।
मोदी लहर में भी मैनपुरी पर नहीं चढ़ा था भगवा रंग
2014 में भी जब पूरे देश में मोदी लहर सुनामी की तरह चल रही थी तब भी मैनपुरी ने अपने ऊपर भगवा रंग नहीं चढ़ने दिया। 2014 और 2019 में समाजवादी पार्टी से मुलायम सिंह यादव ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। हालांकि, 2019 में बीएसपी से गठबंधन के बावजूद उनकी जीत का अंतर कम हुआ। 2014 में मुलायम सिंह यादव ने 3.5 लाख से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की थी। लेकिन 2019 के चुनाव में जीत का ये अंतर घटकर एक लाख से भी कम हो गया। ये भी एक वजह है जिससे भाजपा को यहां जीत की उम्मीद दिख रही है। यादव परिवार की पारंपरिक सीट बनने से पहले मैनपुरी लोकसभा सीट हमेशा उथल-पुथल करने वाली सीट रही है।