Uttar Pradesh News
इंडिया न्यूज, लखनऊ (Uttar Pradesh) : अयोध्या में इस बार की दीवाली बेहद खास रहेगी। इस बार दीपोत्सव के आयोजन का साक्षी बनने के लिए अयोध्या प्रधानमंत्री आ रहे है। 23 अक्टूबर को वह कार्यक्रम में शामिल होंगे और रामलला विराजमान के दर्शन भी करेंगे। इसके बाद राज्याभिषेक कार्यक्रम में शामिल होंगे। सरयू आरती भी करेंगे। प्रधानमंत्री करीब 4 से 5 घंटे अयोध्या में रहेंगे। इस साल दिवाली पर 15 लाख मिट्टी के दीए जलाए जाएंगे। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला दीपोत्सव होगा, जिसको ऐतिहासिक बनाने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। दीपोत्सव में भारत की लोक संस्कृति की झलक भी दिखेगी। इसके अलावा 8 देशों की रामलीला का भी आयोजन होगा।
प्रधानमंत्री के आगमन पर सजाया जा रहा रामनगरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली के मौके पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव में शामिल होंगे। छोटी दिवाली यानी 23 अक्टूबर को वह कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रंधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को अयोध्या पहुंचेंगे। सबसे पहले पीएम 5:00 बजे रामलला के दरबार में हाजिरी लगाएंगे और राम मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति भी देखेंगे। 5:40 पर राम कथा पार्क में श्रीराम के राज्याभिषेक के साक्षी बनेंगे। 6:30 बजे मां शरीफ की आरती में शामिल होंगे। 6:40 पर राम की पैड़ी पर दीपोत्सव में हिस्सा लेंगे। 7:30 बजे ग्रीन और डिजिटल आतिशबाजी भी देखेंगे। राम नगरी के हर चौक चौराहे को सजाया जा रहा है।
ऐतिहासिक बनाने के लिए प्रशासन ने झोंकी ताकत
दीपोत्सव में प्रधानमंत्री के आने से दीपोत्सव को अलौकिक व अद्वितीय बनाने की तैयारियां जोरों पर हैं। अयोध्या को सजाने व संवारने का काम तेज हो गया है। राम की पैड़ी के आसपास के मंदिरों को एक रंग में रंगा जा रहा है। दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए शासन प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। दीपोत्सव की तैयारियों को जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार (19 अक्टूबर) को अयोध्या जाएंगे। दीपोत्सव स्थल का निरीक्षण करने के अलावा सीएम योगी श्रीराम जन्मभूमि का दर्शन और मंदिर निर्माण स्थल का भी निरीक्षण करेंगे। पीएम के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं।
2017 में हुई थी दीपोत्सव की शुरुआत
2017 में यूपी में पूर्ण बहुमत से बीजेपी की सरकार बनने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत की गई थी। पहले साल 51 हजार दीए जलाए गए थे। तबसे हर साल दीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2018 में 3,01152 दीए जलाए गए। 2019 में इस दीपोत्सव कार्यक्रम को प्रांतीय स्तर का मेला घोषित किया गया। 2019 में 5,50,000 दीप जलाए गए। 2020 में 6,06,569 दीप जलाए गए और 2021 में 9,41,551 दीए जलाए। अब 2022 में 15 लाख दीए जलाने की तैयारी है।
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