इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Private hospital was charging more amount एक निजी अस्पताल ने महिला से आपरेशन के नाम पर 20 हजार रुपया जमा करवा लिया और आपरेशन भी नहीं किया। परेशान महिला के संग अस्पताल प्रशासन ने बदसलूकी भी की। इसके बाद यह मामला डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक की जानकारी में आया। इसके बाद तुरंत एक्शन हुआ और निजी अस्पताल प्रशासन ने मरीज के परिवारीजन से माफी मांग रुपया वापस कर दिया।
मड़ियांव स्थित निजी अस्पताल में इलाज के नाम पर अधिक रुपये वसूलने का मामला सामने आया है। मंगलवार को मरीज के परिवारजनों ने सामाजिक कार्यकर्ता से इसकी शिकायत की। इस पर कार्यकर्ता ने ट्वीट के माध्यम से उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से मामले की शिकायत की। फटकार के बाद अस्पताल प्रशासन ने पीड़ित को उसके रुपये वापस कर दिए।
गोंडा निवासी राम प्यारी पेट में दर्द की समस्या से जूझ रही है। स्थानीय गोंडा के अस्पताल में इलाज कराने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। परिवारजन 24 मार्च को मरीज को लेकर केजीएमयू ट्रामा सेंटर पहुंचे। यहां बेड खाली न होने की वजह से उन्हें भर्ती नहीं किया गया। दलालों के चंगुल में आने के बाद मरीज को मड़ियांव स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां जांच के बाद डाक्टर ने गुर्दे में पथरी होने की बात बताई।
आपरेशन में करीब 35 हजार रुपये खर्चा बताया। मरीज के भाई दिलीप ने बताया कि डाक्टर ने 35 हजार रुपये जमा करा लिए। उसके बाद डाक्टर ने जांच के बाद गुर्दे की नली में रुकावट की बात कही। जिसके आपरेशन के लिए 45 हजार रुपये और मांगे गए। रुपये के अभाव में परिजनों ने पैसे देने से मना कर दिया। बिना भुगतान करने पर डाक्टर ने इलाज करने से रोक दिया। बिल के भुगतान के लिए दबाव भी बनाया गया।
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